SIR को लेकर औरैया पहुंचे पूर्व सांसद सुब्रत पाठक, सपा पर जमकर साधा निशाना

SIR पर औरैया पहुंचे पूर्व सांसद सुब्रत पाठक, सपा पर लगाया दोहरे आचरण का आरोप

रिपोर्ट: अमित शर्मा औरैया उत्तर प्रदेश में SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) को लेकर चल रही सियासी बहस के बीच कन्नौज लोकसभा से बीजेपी के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक औरैया जिले के अरवा कटरा ब्लॉक पहुंचे। यहां उन्होंने ग्रामीणों को SIR प्रक्रिया के बारे में जागरूक किया और समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोला।

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सुब्रत पाठक ने कहा कि समाजवादी पार्टी का काम हमेशा विरोध करना रहा है। उन्होंने कहा कि पहले सपा ने ईवीएम मशीनों का विरोध किया और अब SIR का कर रही है, क्योंकि इससे फर्जी और दोहरे वोटरों की पहचान हो रही है।

पूर्व सांसद ने दावा किया कि जब मतपत्रों से चुनाव होते थे, तब सपा के गुंडे बूथों पर कब्जा कर लेते थे। ग्रामीणों को यह तक नहीं पता चलता था कि किस रंग के मतपत्र पर वोट डालना है। उन्होंने आरोप लगाया कि बूथ लूट कर कह दिया जाता था कि “वोट पड़ गया, घर जाओ।”

उन्होंने 1995 के बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव के शासनकाल में हालात इतने खराब थे कि कहा जाता था “मतपेटियों से जिंद निकलेगी”, क्योंकि गुंडों ने वोट डाल दिए होते थे। गरीब और कमजोर वर्ग को मतदान का अधिकार नहीं मिल पाता था।

सुब्रत पाठक ने कहा कि जब ईवीएम आई तो डकैती बंद हो गई, लेकिन जैसे ही समाजवादी पार्टी हारने लगी, उसने ईवीएम पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा—

  • जहां बीजेपी जीतती है, वहां सपा कहती है “ईवीएम खराब है”
  • जहां बीजेपी हारती है, वहां “ईवीएम बिल्कुल ठीक है”

उन्होंने 2022 और 2024 के चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि 2022 में बीजेपी के विधानसभा चुनाव जीतते ही ईवीएम पर सवाल उठे, जबकि 2024 में सपा को सफलता मिली तो ईवीएम सही हो गई। इसे उन्होंने सपा का दोहरा आचरण बताया।

SIR को लेकर उन्होंने बड़ा दावा किया कि कन्नौज जनपद की तीन विधानसभा सीटों में करीब 2.87 लाख वोट कट चुके हैं। अगर लोकसभा स्तर की बात की जाए तो यह आंकड़ा 4 से 5 लाख वोट तक पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि समाजवादी पार्टी SIR का विरोध कर रही है, क्योंकि फर्जी वोट हटने से उसकी चुनावी गणित बिगड़ जाएगी।

पूर्व सांसद ने कहा कि SIR एक सुधारित और पारदर्शी तंत्र है, जिसमें अब मतपत्र लूट जैसी घटनाएं संभव नहीं हैं। पहले एक व्यक्ति के कई गांवों में वोट बन जाते थे, लेकिन अब यह संभव नहीं रहेगा।

उन्होंने जनता से अपील की कि वे SIR प्रक्रिया में सहयोग करें और लोकतंत्र को मजबूत बनाने में भागीदार बनें

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