उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी अयोध्या एक बार फिर राष्ट्रीय राजनीति और आध्यात्मिक चर्चा के केंद्र में रही, जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू अयोध्या पहुंचे। सीएम नायडू ने भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर में विधि-विधान से दर्शन-पूजन किया और भगवान राम का आशीर्वाद लिया। उनके इस दौरे को आध्यात्मिक आस्था और सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़कर देखा जा रहा है।

श्री राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन-पूजन
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने रामलला के दर्शन कर विशेष पूजा-अर्चना की। मंदिर परिसर में उन्होंने कुछ समय ध्यान और प्रार्थना में भी बिताया। दर्शन के दौरान मंदिर प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। सीएम नायडू ने मंदिर निर्माण और उसकी भव्यता की सराहना करते हुए इसे भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक बताया।
सप्त ऋषि मंदिर में भी किया दर्शन
राम मंदिर के दर्शन के बाद सीएम नायडू ने सप्त ऋषि मंदिर में भी माथा टेका। यहां उन्होंने धार्मिक अनुष्ठानों में हिस्सा लिया और संत-महात्माओं से आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भारत की सनातन परंपरा और मूल्यों की जीवंत पहचान है।
अयोध्या को बताया आध्यात्मिक हब
सीएम चंद्रबाबू नायडू ने अयोध्या को आध्यात्मिक हब बताते हुए कहा कि राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या वैश्विक स्तर पर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का बड़ा केंद्र बनकर उभरी है। उन्होंने कहा कि यहां आने वाला हर व्यक्ति भारतीय संस्कृति, नैतिकता और अनुशासन की भावना से जुड़ता है।
रामराज्य की अवधारणा पर जोर
मुख्यमंत्री ने रामराज्य की अवधारणा पर जोर देते हुए कहा कि भगवान राम का जीवन सत्य, न्याय, करुणा और सुशासन का प्रतीक है। आज के समय में रामराज्य की भावना को अपनाकर समाज और शासन व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सुशासन, जनकल्याण और सामाजिक समरसता ही रामराज्य का वास्तविक स्वरूप है।
राजनीतिक और सांस्कृतिक संदेश
सीएम नायडू का अयोध्या दौरा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और वैचारिक संदेश भी देता है। उनके इस दौरे को देशभर में राम मंदिर के बढ़ते महत्व और अयोध्या की वैश्विक पहचान से जोड़कर देखा जा रहा है।
