लखीमपुर खीरी। एक ओर योगी सरकार महिला सुरक्षा और सम्मान को लेकर बड़े-बड़े दावे करती नजर आती है, वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत इन दावों पर सवाल खड़े कर रही है। ताजा मामला लखीमपुर खीरी जनपद से सामने आया है, जहां एक महिला को दहेज की अतिरिक्त मांग के चलते ससुराल में रखने से साफ इनकार कर दिया गया।

मामला सदर कोतवाली क्षेत्र का है। पीड़ित महिला के पिता ने बताया कि उन्होंने करीब 9 महीने पहले अपनी बेटी की शादी पूरे रीति-रिवाज से की थी। शादी के कुछ ही दिनों बाद बेटी के पति और ससुराल पक्ष ने अतिरिक्त दहेज की मांग शुरू कर दी। जब पीड़िता के पिता ने अपनी असमर्थता जताई, तो ससुराल वालों का रवैया बदल गया।
पीड़िता के पिता के अनुसार, दहेज न मिलने से नाराज़ पति ने महिला को मायके छोड़ दिया और अब उसे वापस ले जाने से इनकार कर रहा है। इतना ही नहीं, आरोप है कि दामाद अब दूसरी शादी की तैयारी कर रहा है, जिससे पीड़ित परिवार गहरे सदमे में है।
पीड़ित महिला का कहना है कि उसने कई बार अपने ससुराल पक्ष से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन हर बार उसे अपमानित किया गया और घर आने से मना कर दिया गया। मानसिक प्रताड़ना से परेशान होकर महिला ने आखिरकार पुलिस अधीक्षक खीरी को प्रार्थना पत्र सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है।
महिला ने अपनी शिकायत में स्पष्ट किया है कि उसके साथ दहेज की खातिर न केवल धोखा किया गया, बल्कि उसका सम्मान और सुरक्षा भी दांव पर लगा दी गई। मामले ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि दहेज विरोधी कानूनों और महिला सुरक्षा योजनाओं के बावजूद महिलाएं आज भी प्रताड़ना का शिकार क्यों हो रही हैं।
अब देखना यह होगा कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी और गंभीरता से कार्रवाई करता है और पीड़ित महिला को कब तक न्याय मिल पाता है।
