डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के सरकारी आवास पर पहुंचे संदिग्ध व्यक्ति को लखनऊ पुलिस ने पकड़ा, हड़कंप

लखनऊ: डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर संदिग्ध व्यक्ति पकड़ा, पुलिस ने हिरासत में लिया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya News) के सरकारी आवास पर उस समय हड़कंप मच गया जब गुरुवार सुबह एक संदिग्ध युवक अचानक सुरक्षा घेरे को पार कर अंदर पहुंचने की कोशिश करने लगा। सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत उसे रोका और लखनऊ पुलिस को सूचना दी। कुछ ही मिनटों में पुलिस मौके पर पहुंच गई और युवक को हिरासत में ले लिया।

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संदिग्ध तरीके से पहुंचा व्यक्ति, सुरक्षा में हलचल

घटना के दौरान डिप्टी सीएम आवास पर नियमित मुलाकातियों का समय चल रहा था। लेकिन इसी बीच एक युवक बिना अनुमति गेट के पास पहुंच गया। सुरक्षा कर्मियों ने पूछताछ की तो वह खुद को किसी “जरूरी काम” से आया बताने लगा। उसके पास न कोई पहचान पत्र मिला और न ही कोई वैध अनुमति पत्र। संदेह होने पर सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत उसे दबोच लिया।

पुलिस ने की गहन पूछताछ

सूचना मिलते ही हजरतगंज पुलिस और स्थानीय इंटेलिजेंस यूनिट मौके पर पहुंची। संदिग्ध युवक को थाने ले जाकर पूछताछ शुरू की गई। पुलिस के शुरुआती इनपुट के अनुसार युवक मानसिक रूप से व्याकुल या भ्रमित भी हो सकता है, लेकिन उसकी मंशा और पृष्ठभूमि का पता लगाने के लिए विस्तृत जांच की जा रही है।
पुलिस ने उसके मोबाइल फोन, बैग और निजी सामान की भी स्क्रीनिंग की है।

सुरक्षा एंगल से उच्चस्तरीय जांच

डिप्टी सीएम जैसे वीवीआईपी पद के आवास पर किसी भी अनजान व्यक्ति का यूं पहुँच जाना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ा अलर्ट है। इसी कारण इंटेलिजेंस एजेंसियों को भी मामले में शामिल कर लिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, यह भी पता लगाया जा रहा है कि युवक कैसे सुरक्षा घेरा पार कर मुख्य गेट तक पहुंच गया और क्या इससे पहले भी उसने किसी वीवीआईपी क्षेत्र में प्रवेश की कोशिश की है।

डिप्टी सीएम कार्यालय ने बढ़ाई सुरक्षा

घटना के बाद डिप्टी सीएम कार्यालय ने सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी करने के निर्देश दिए हैं। प्रवेश द्वारों पर अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं और विज़िटर एंट्री सिस्टम की पुनः समीक्षा शुरू हो गई है।

पुलिस ने कहा – जांच के बाद होगी आधिकारिक पुष्टि

हजरतगंज पुलिस ने बताया कि युवक की पहचान की पुष्टि की जा रही है। शुरुआती पूछताछ के बाद ही यह साफ होगा कि उसकी नीयत क्या थी और वह किन परिस्थितियों में सरकारी आवास तक पहुंचा।

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