कानपुर (उत्तर प्रदेश) में कड़ाके की ठंड के बीच रैन बसेरों की हकीकत सामने आ गई है। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने देर रात एक रैन बसेरे में अचानक रेड (औचक निरीक्षण) कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया, जहां हालात बेहद चिंताजनक पाए गए।

पानी और शौचालय जैसी मूल सुविधाएं नदारद
डीएम के निरीक्षण के दौरान यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि रैन बसेरे में पीने के पानी और शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं थी। ठंड में रात गुजार रहे जरूरतमंद लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
बाल्टी-मग जैसी रोजमर्रा की चीजें भी नहीं
निरीक्षण में यह भी सामने आया कि रैन बसेरे में बाल्टी, मग और अन्य आवश्यक दैनिक उपयोग की वस्तुएं तक उपलब्ध नहीं थीं। यह स्थिति प्रशासनिक लापरवाही को साफ तौर पर उजागर करती है।
रजिस्टर जांच में बड़ा खुलासा
डीएम ने जब रैन बसेरे का रजिस्टर चेक किया तो पता चला कि वहां ठहरने वाले लोगों से 20 रुपए शुल्क लिया जा रहा था। इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया।
डीएम ने दिए सख्त निर्देश
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को तत्काल व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ठंड के मौसम में रैन बसेरों में रहने वाले गरीब और बेसहारा लोगों के साथ किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आगे भी जारी रहेगा निरीक्षण
डीएम ने कहा कि जिले के अन्य रैन बसेरों का भी औचक निरीक्षण किया जाएगा और जहां भी कमी पाई जाएगी, वहां जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
