उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात से कानपुर देहात जमीन कब्जा मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन की संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र के नबीपुर गांव निवासी दलित परिवार के मुखिया रमेश पासी ने आरोप लगाया कि दबंगों ने उनकी कीमती जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया। पीड़ित के अनुसार उनकी जमीन हाईवे से करीब 500 मीटर दूरी पर लिंक रोड पर स्थित है, जिसकी बाजार कीमत काफी अधिक है।
आरोप है कि ठाकुर राजन सिंह ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर पहले ही जमीन के एक हिस्से पर कब्जा कर गेस्ट हाउस का निर्माण करा लिया था। सोमवार सुबह दबंगों ने जेसीबी मशीन लगाकर शेष जमीन पर कब्जा करना शुरू कर दिया। जब रमेश पासी ने इसका विरोध किया तो उन्हें धमकाते हुए जान से मारने की धमकी दी गई और मौके से भगा दिया गया।

न्याय की आस में पीड़ित छोटे-छोटे बच्चों और परिवार के साथ सर्किट हाउस पहुंचा, जहां अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य रमेश चंद्र कुंडे जिला अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। पीड़ित ने अपनी आपबीती आयोग के पीआरओ को बताई, लेकिन इसी दौरान उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और उल्टियां शुरू हो गईं। बाद में पता चला कि उसने जहरीला पदार्थ खा लिया है।

घटना की जानकारी मिलते ही अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य ने अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की और तुरंत एंबुलेंस 108 बुलाकर पीड़ित को जिला अस्पताल भिजवाया गया, जहां उसका इलाज जारी है और हालत स्थिर बताई जा रही है। आयोग सदस्य ने परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा भी दिलाया।
वहीं जब इस मामले में एसडीएम सदर अकबरपुर नीलमा यादव से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। कानपुर देहात जमीन कब्जा मामला अब प्रशासनिक लापरवाही और दबंगई का प्रतीक बनता जा रहा है।
