कानपुर देहात जिले में अवैध खनन और प्रशासनिक मिलीभगत का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अमराहाट थाना क्षेत्र में बालू खनन के पट्टा धारक देव सिंह ने बिना वैध मिट्टी खनन की अनुमति लिए, रास्ता बनाने के नाम पर मिट्टी के टीले को काटकर अवैध रूप से रास्ता बना डाला। इस पूरे प्रकरण में खनन विभाग की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठने लगे हैं।स्थानीय किसानों का आरोप है कि खनन पट्टा धारक ने न केवल नियमों को ताक पर रखा, बल्कि जबरन उनके खेतों से रास्ता निकालने की कोशिश की। किसानों के अनुसार, विरोध करने पर उन्हें धमकाया गया और दबंगई दिखाई गई। मामला तब तूल पकड़ गया जब भूपियापुर गांव के कई किसान और महिलाएं जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचीं और अपनी शिकायत दर्ज कराई।

किसानों ने लगाए जबरन रास्ता निकालने के आरोप

पीड़ित किसानों का कहना है कि खनन शुरू होने से पहले ही पट्टा धारकों ने खेतों के बीच से रास्ता निकालने का प्रयास किया, जिससे खेती को नुकसान पहुंचा। जब किसानों ने इसका विरोध किया तो उन्हें डराने-धमकाने का सहारा लिया गया।
खनन विभाग पर मिलीभगत का शक
इस मामले में आरोप यह भी है कि बालू खनन पट्टा धारकों ने खनन अधिकारी से मिलीभगत कर उच्च अधिकारियों को गुमराह किया। बिना वैध अनुमति के मिट्टी के टीले को पूरी तरह साफ कर रास्ता बना दिया गया, जो स्पष्ट रूप से खनन नियमों का उल्लंघन है।
डीएम ने गठित की स्पेशल टास्क टीम
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने स्पेशल टास्क टीम (STT) का गठन कर जांच के आदेश दिए हैं। टीम को यह जांच करने को कहा गया है कि रास्ता बनाने के लिए मिट्टी किस नियम के तहत निकाली गई, और इसमें किन अधिकारियों की भूमिका रही।
खनन सिंडिकेट का आरोप
किसानों ने यह भी आरोप लगाया है कि जनपद में खनन का ठेकेदार सोनू चंदेल इस पूरे सिंडिकेट को संचालित करने में अहम भूमिका निभाता है और अधिकारियों को मैनेज करने का काम करता है।
फिलहाल प्रशासन की ओर से जांच जारी है। अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो संबंधित पट्टा धारकों और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है।
