रिपोर्ट: संजय शुक्ला
पीलीभीत -जिले के न्यूरिया कस्बे में संचालित आइंस्टीन पब्लिक स्कूल को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। कई अभिभावकों ने जिलाधिकारी को शिकायत दी है कि यह स्कूल फर्जी तरीके से बच्चों को मदरसे में पढ़ा रहा है।
🔴 क्या है पूरा मामला? आइंस्टीन पब्लिक स्कूल निकला फर्जी
शिकायतकर्ता अभिभावक राजेंद्र गुप्ता का कहना है कि जब वे आइंस्टीन स्कूल से अपने बच्चे की अंकतालिका लेने पहुंचे तो उन्हें मदरसे की अंकतालिका दी गई। यह देखकर वे हैरान रह गए। उन्होंने बताया कि यह केवल उनके बच्चों के साथ नहीं, बल्कि 60 से 70 हिंदू बच्चों के साथ भी यही धोखा हो रहा है। “स्कूल का नाम आइंस्टीन पब्लिक स्कूल है, लेकिन बच्चों को मदरसे में पढ़ाया जा रहा है। हमें इस बारे में पहले कभी नहीं बताया गया,” – अभिभावक राजेंद्र गुप्ता।इसके बाद अभिभावकों ने अपने बच्चों का नाम स्कूल से कटवा दिया और जिलाधिकारी को लिखित शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की।
प्रशासन एक-दूसरे पर डाल रहा जिम्मेदारी आइंस्टीन पब्लिक स्कूल निकला फर्जी
इस गंभीर मामले में प्रशासनिक अमला भी जिम्मेदारी से बचता दिख रहा है।
- जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) ने कहा कि आइंस्टीन पब्लिक स्कूल स्कूल नहीं बल्कि मदरसा है, और मामला जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में आता है।
- वहीं अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने अभी तक कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं की है।
बड़ा सवाल यह है कि फर्जी स्कूल पर कार्रवाई का अधिकार किसके पास है और आखिर जिम्मेदारी कौन लेगा?
📢 अभिभावकों की मांग आइंस्टीन पब्लिक स्कूल निकला फर्जी
अभिभावकों ने मांग की है कि: बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले फर्जी स्कूल को तुरंत बंद किया जाए।
- सभी बच्चों को सही स्कूल में एडमिशन दिलाया जाए।
- दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई हो।
सोशल मीडिया पर गुस्सा आइंस्टीन पब्लिक स्कूल निकला फर्जी
इस मामले का वीडियो और शिकायत पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लोग इसे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए तुरंत कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।