Dimple Yadav News: समाजवादी पार्टी की सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव (Dimple Yadav ) ने यूपी उपचुनावों में निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि कई मतदान केंद्रों पर पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में वोट डालते हुए पकड़े गए, जो लोकतांत्रिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है। यादव के अनुसार, ऐसी घटनाएं चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्न उठाती हैं और जनता के मताधिकार को प्रभावित करती हैं।

सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी वोट डालते हुए पकड़े गए – डिंपल का आरोप
डिंपल यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कई बूथों से शिकायतें दर्ज कराईं, जहां कथित रूप से पुलिसकर्मी वर्दी में नहीं, बल्कि सिविल ड्रेस में वोट डालते दिखे। उन्होंने इसे “लोकतंत्र के साथ खिलवाड़” बताते हुए कहा कि सत्ता पक्ष के दबाव में चुनावी मशीनरी को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।
चुनाव आयोग से शिकायत के बावजूद सीसीटीवी फुटेज नहीं मिली
यादव ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी ने बार-बार चुनाव आयोग से शिकायतें कीं और बूथों की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग मांगी, लेकिन उन्हें फुटेज उपलब्ध नहीं कराई गई। उनके मुताबिक, सीसीटीवी फुटेज साफ तौर पर यह दिखा सकता था कि मतदान प्रक्रिया में 불नियमितता हुई या नहीं, लेकिन प्रशासन इसे सार्वजनिक करने से बचता रहा।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब संवैधानिक संस्थाएं ही पारदर्शी नहीं हैं, तो जनता लोकतंत्र पर विश्वास कैसे करे?
एसआईआर को CAA से जोड़ते हुए बड़ा दावा
डिंपल यादव ने केंद्र सरकार पर भी आरोप लगाया कि एसआईआर (Standard Investigation Report या अन्य प्रक्रिया) के नाम पर लोगों को डराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार में एसआईआर लागू करने की प्रक्रिया के दौरान लगभग 80 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए, जिससे चुनावी परिणाम प्रभावित हुए और लोकतांत्रिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन हुआ।
‘चुनावी संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही सरकार’ — डिंपल यादव
उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार चुनावी संस्थाओं का दुरुपयोग कर विपक्ष को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग इन आरोपों की स्वतंत्र जांच कराए दोषियों पर कार्रवाई हो, चाहे वे अधिकारी हों या राजनीतिक लोग वोटर लिस्ट और मतदान प्रक्रिया में 100% पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए
