संवाददाता मोहित पाल बांदा।जिलाधिकारी बांदा के निर्देश पर 13 दिसंबर 2025 को जनपद में खनन गतिविधियों की सघन जांच की गई। अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व), बांदा और खान अधिकारी, बांदा ने संयुक्त रूप से तहसील बबेरू के ग्राम मर्काखादर में स्थित बालू/मोरम खनन क्षेत्रों का औचक निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान खण्ड संख्या-04 में स्थित स्वीकृत बालू/मोरम खनन पट्टा क्षेत्र की जांच की गई। खनन क्षेत्र में हुए कार्यों का मिलान निर्धारित जियो-कोऑर्डिनेट्स के अनुसार तैयार KML फाइल, संबंधित गाटा संख्या और स्वीकृत क्षेत्रफल के आधार पर किया गया। जांच में यह तथ्य सामने आया कि पट्टाधारक द्वारा खनन एवं परिवहन कार्य पूरी तरह स्वीकृत क्षेत्र के भीतर किया जा रहा था। साथ ही खनन पट्टा क्षेत्र में लगाए गए सीमा स्तम्भ/पिलर भी अपने निर्धारित स्थानों पर सही पाए गए, जिससे किसी भी प्रकार के अवैध खनन की पुष्टि नहीं हुई।

इसके अलावा ग्राम मर्काखादर के खण्ड संख्या-03 में स्थित बालू/मोरम के उस स्वीकृत खनन क्षेत्र का भी निरीक्षण किया गया, जहां पर्यावरणीय स्वीकृति (EC) प्राप्त होने की प्रक्रिया चल रही है। इस क्षेत्र में Replenishment Study में उल्लिखित मात्रा की जांच ड्रोन कैमरा और GPS तकनीक के माध्यम से की गई। अधिकारियों ने मौके पर ही डेटा एकत्र कर खनन की स्थिति का आकलन किया।
प्रशासनिक अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जिले में खनन कार्य पूरी पारदर्शिता और नियमों के अनुसार ही संचालित होने दिया जाएगा। अवैध खनन, सीमा से बाहर खनन या पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, नियमों का पालन करने वाले पट्टाधारकों को अनावश्यक परेशान नहीं किया जाएगा।
जिला प्रशासन की यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि बांदा में खनन गतिविधियों पर तकनीक आधारित निगरानी लगातार तेज की जा रही है, ताकि राजस्व की हानि रोकी जा सके और पर्यावरण संतुलन भी बना रहे।
