संवाददाता -मोहित पाल बांदा जिले में साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों को देखते हुए रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में एक महत्वपूर्ण साइबर जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इंटरनेट मीडिया और आधुनिक तकनीक जितनी उपयोगी है, उतनी ही असावधानी बरतने पर यह विनाशकारी भी साबित हो सकती है।

डीजीपी राजीव कृष्ण ने अपने संबोधन में विशेष रूप से बच्चों और युवाओं में ऑनलाइन गेमिंग एडिक्शन का जिक्र किया और कहा कि यह डिजिटल युग की एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। उन्होंने कहा कि आज के समय में साइबर सुरक्षा केवल पुलिस या प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग को डिजिटल सतर्कता अपनानी होगी। छोटी-सी लापरवाही भी व्यक्ति को साइबर अपराधियों के जाल में फंसा सकती है।
कार्यशाला में देश के जाने-माने साइबर एक्सपर्ट डॉ. रक्षित टंडन ने साइबर अपराधों के विभिन्न तरीकों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने ऑनलाइन फ्रॉड, फिशिंग, ओटीपी धोखाधड़ी, सोशल मीडिया ब्लैकमेलिंग और फर्जी वेबसाइट्स के जरिए होने वाले घोटालों के उदाहरण देकर लोगों को जागरूक किया। डॉ. टंडन ने बताया कि साइबर ठग अक्सर लोकप्रिय वेबसाइट्स के नाम से मिलते-जुलते डोमेन बनाकर लोगों को भ्रमित करते हैं। ऐसे में किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करने और संदिग्ध मैसेज को तुरंत डिलीट करने की सलाह दी गई।
कार्यक्रम के दौरान यह भी बताया गया कि विदेशी नंबरों से आने वाली कॉल्स और आकर्षक ऑफर्स से सावधान रहना बेहद जरूरी है। एक छोटी गलती आपके बैंक खाते को खाली कर सकती है। कार्यशाला में मौजूद के.एल. अरोड़ा ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वह खुद एक बार फर्जी विदेशी कंपनी के स्कैम का शिकार होते-होते बच गए थे।
इस मौके पर एडीजी प्रयागराज जोन संजीव गुप्ता, डीआईजी चित्रकूटधाम मंडल राजेश एस, पुलिस अधीक्षक बांदा पलाश बंसल सहित चारों जिलों के पुलिस अधीक्षक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। अधिकारियों ने कहा कि ऐसे जागरूकता कार्यक्रम भविष्य में भी लगातार आयोजित किए जाएंगे ताकि आम नागरिक साइबर अपराधों से सुरक्षित रह सकें।
