राजस्थान के आदिवासी बहुल जिले बांसवाड़ा में एक बार फिर सोने का खजाना मिलने की पुष्टि हुई है। यह खबर न सिर्फ जिले में बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। बांसवाड़ा अब धीरे-धीरे देश में ‘सोने के गढ़’ के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।

जानकारी के मुताबिक, घाटोल क्षेत्र के कांकरिया गांव में तीसरी सोने की खान के ब्लॉक होने की आधिकारिक पुष्टि की गई है। भूवैज्ञानिकों के सर्वेक्षण में कांकरिया में लगभग 3 किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में स्वर्ण अयस्क के संभावित भंडार के स्पष्ट संकेत मिले हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे ही माइनिंग लाइसेंस जारी होगा, यहां खनन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इससे न सिर्फ जिले की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले भी बांसवाड़ा के घाटोल क्षेत्र में जगपुरिया और भूकिया में सोने की खानों की पुष्टि हो चुकी है। इन खानों से बांसवाड़ा का खनिज भंडार काफी समृद्ध माना जाता है। अब कांकरिया में सोने के खजाने की पुष्टि ने जिले को खनन के क्षेत्र में और भी महत्वपूर्ण बना दिया है।
स्थानीय प्रशासन और निवेशक इस क्षेत्र में संभावनाओं को लेकर उत्साहित हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सही तरीके से खनन किया गया तो बांसवाड़ा राजस्थान और देश में स्वर्ण उत्पादन के लिए एक प्रमुख केंद्र बन सकता है।
इस खबर ने न केवल निवेशकों और खनन कंपनियों का ध्यान खींचा है बल्कि स्थानीय लोगों में भी उत्साह पैदा कर दिया है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि खनन शुरू होने के बाद रोजगार और आय के नए अवसर उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाएंगे।
