Putin Visit India:  भारत आ रहे पुतिन, लेकिन भारत का पानी नहीं पीएंगे , वजह जानकर दंग रह जाएंगे

ChatGPT said: भारत आ रहे पुतिन, लेकिन भारत का पानी नहीं पीएंगे — वजह जानकर दंग रह जाएंगे

Putin Visit India :  रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4–5 दिसंबर 2025 को भारत दौरे पर आ रहे हैं। लेकिन विदेश से लौटने वाले प्रत्येक वैश्विक नेता की तरह, इस बार भी उनके दौरे की तैयारी बेहद सख्त है — इतना कि ऐसा कहा जा रहा है कि पुतिन भारत में मिलने वाला पानी तक नहीं पीएंगे। इसकी वजह जानकर आप हैरान रह जाएंगे।

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कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल के चलते ‘पानी तक नहीं’

पुतिन की सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी अपनी सुरक्षा एजेंसी के हाथों होती है। इसके तहत वे हर देश की यात्रा पर निजी पोर्टेबल लैब, खाद्य-परीक्षण टीम, और पोर्टेबल टॉयलेट सहित कई विशेष इंतज़ाम अपने साथ लेकर चलते हैं। भारत आते ही सुरक्षा एजेंसियाँ उनकी भोजन, जल और उनसे मिलने-जुलने वाले हर व्यक्ति की जांच करती हैं। इसी सुरक्षा कड़ी का हिस्सा है — प्रदूषित या असुरक्षित जल से किसी भी तरह का जोखिम न लेना। क्योंकि किसी भी तरह की हानि या जहरीले जल से पुतिन की सेहत खतरे में पड़ सकती है।

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इस कारण, पुतिन के लिए भारत में उपयोग किया जाने वाला पानी उनकी टीम पूर्व-जांच (lab testing) के बाद ही उपयोग में आता है। यानी आम सार्वजनिक जल स्रोतों या बोतलों से पानी पीना उनके लिए संभव नहीं है। सुरक्षा, स्वास्थ्य और संवेदनशीलता की दृष्टि से यह व्यवस्था पहले से तय रहती है।

🇮🇳 भारत दौरा और सुरक्षा का तगड़ा इंतज़ाम

पुतिन के भारत दौरे को देखते हुए सुरक्षा के बेहद सख्त इंतज़ाम किए गए हैं। दिल्ली में 5-लेयर सिक्योरिटी कवच, पोर्टेबल लैब और सैनिटाइज़ेशन का पूरा इंतज़ाम किया जा चुका है। पुतिन के साथ आने वाले खाद्य एवं पेय पदार्थ भारत में नहीं, बल्कि पहले से प्रमाणित किए गए स्रोतों से ही उपलब्ध होंगे। यह वजह है कि “पानी तक नहीं पीएंगे” — ताकि किसी भी तरह का जटिल जोखिम टला जा सके।

दौरे का उद्देश्य: मोदी–पुतिन की रणनीतिक साझेदारी

यह दौरा सिर्फ सुरक्षा नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के उद्देश्यों से है। 23वें भारत–रूस शिखर सम्मेलन के दौरान रक्षा, ऊर्जा, आर्थिक और तकनीकी समझौतों पर चर्चा होगी। लेकिन इन राजनीतिक और कूटनीतिक वार्ताओं के बीच, पुतिन की अत्याधुनिक सुरक्षा व्यवस्था यह दर्शाती है कि आज के दौर में एक नेता का “पानी तक सुरक्षित” रखना कितना जहॉरी है, यह भी उतना ही महत्वपूर्ण हो गया है।

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