Banke Bihari Khazana: लोकेशन – वृंदावन, उत्तर प्रदेश बांके बिहारी मंदिर में धनतेरस के दिन 54 साल बाद 160 साल पुराना खजाना खोला गया। यह खजाना गर्भगृह के नीचे स्थित विशेष कपाट में रखा गया था। खजाने में सोने-चांदी के कलश, आभूषण और अन्य मूल्यवान वस्तुएं पाई गईं।
इस मौके पर सुरक्षा और वन विभाग की टीम तैनात रही, ताकि पूरी प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से की जा सके। खजाने को खोलने की प्रक्रिया की निगरानी सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने की। समिति ने सुनिश्चित किया कि सभी मूल्यवान वस्तुएं सही तरीके से सुरक्षित स्थान पर ले जाएँ।
खजाने की कीमत और इसमें मौजूद वस्तुओं की पूरी सूची तोशखाना में रिकॉर्ड की गई। यह ऐतिहासिक खजाना मंदिर के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह खजाना न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत मूल्यवान है।

वृंदावन के श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर मंदिर में उमड़ते हुए विशेष पूजा-अर्चना में भाग लिया। मंदिर प्रशासन ने बताया कि खजाने को खोलने का निर्णय धनतेरस के शुभ मुहूर्त में लिया गया ताकि धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार प्रक्रिया संपन्न हो सके।
इस ऐतिहासिक घटना के दौरान मीडिया और स्थानीय प्रशासन ने भी पूरे घटनाक्रम को कवर किया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह खजाना बांके बिहारी मंदिर की समृद्धि और 160 वर्षों की धार्मिक परंपरा का प्रतीक है।
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