Healthy Lifestyle Tips : अगर आप चॉकलेट प्रेमी हैं, तो यह खबर आपके चेहरे पर मुस्कान ला सकती है। हाल ही में सामने आई एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि डार्क चॉकलेट का सीमित मात्रा में सेवन उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद कर सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, डार्क चॉकलेट में मौजूद कुछ खास तत्व शरीर को अंदर से स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं, जिससे एजिंग यानी बुढ़ापे के असर कम हो सकते हैं।

स्टडी के मुताबिक, डार्क चॉकलेट में फ्लेवोनॉयड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। ये तत्व शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं, जो उम्र बढ़ने और कई बीमारियों की बड़ी वजह माने जाते हैं। फ्री रेडिकल्स त्वचा, कोशिकाओं और अंगों को नुकसान पहुंचाते हैं, लेकिन एंटीऑक्सीडेंट्स इनके प्रभाव को कम कर सकते हैं। यही कारण है कि डार्क चॉकलेट को एजिंग के खिलाफ फायदेमंद माना जा रहा है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि नियमित रूप से थोड़ी मात्रा में डार्क चॉकलेट खाने से दिल की सेहत बेहतर रह सकती है। इसमें मौजूद कोको ब्लड सर्कुलेशन को सुधारने में मदद करता है, जिससे हार्ट हेल्थ पर सकारात्मक असर पड़ता है। बेहतर रक्त संचार का असर त्वचा पर भी दिखता है, जिससे त्वचा में चमक बनी रहती है और झुर्रियां देर से आती हैं।
नई स्टडी में यह भी बताया गया है कि डार्क चॉकलेट दिमागी सेहत के लिए भी लाभकारी हो सकती है। इसमें मौजूद तत्व स्ट्रेस हार्मोन को कम करने में सहायक माने जाते हैं, जिससे मानसिक तनाव घटता है। कम तनाव का सीधा संबंध बेहतर नींद, सकारात्मक सोच और कुल मिलाकर बेहतर जीवनशैली से जुड़ा होता है, जो उम्र को धीमा करने में मददगार साबित हो सकता है।
हालांकि विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि डार्क चॉकलेट का सेवन संतुलित मात्रा में ही किया जाना चाहिए। ज्यादा मीठी या मिल्क चॉकलेट की बजाय कम से कम 70 प्रतिशत कोको वाली डार्क चॉकलेट को बेहतर विकल्प माना गया है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ दिनचर्या के साथ अगर डार्क चॉकलेट को शामिल किया जाए, तो इसके फायदे और भी बेहतर हो सकते हैं।
कुल मिलाकर, यह नई स्टडी इशारा करती है कि सही मात्रा में डार्क चॉकलेट न सिर्फ स्वाद का आनंद देती है, बल्कि उम्र की रफ्तार को धीमा करने में भी मददगार हो सकती है।
