UPNewBJPPresident लखनऊ – उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) संगठनात्मक ढांचे के सबसे अहम पद प्रदेश अध्यक्ष को लेकर जारी इंतजार अब खत्म होने की कगार पर है। सूत्रों के मुताबिक, इसी सप्ताह पार्टी अपने नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर सकती है। गौरतलब है कि मौजूदा अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद यह फैसला लगभग एक साल से लंबित था।

बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर महत्वपूर्ण समन्वय बैठक हुई। इसी बैठक में प्रदेश संगठन की स्थिति, आगामी रणनीतियों और विशेष रूप से नए अध्यक्ष के नाम पर विस्तृत चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व के बीच नाम पर सहमति बन चुकी है और घोषणा अंतिम चरण में है।

SIR (Special Summary Revision) को लेकर नाराज़गी
प्रदेश में चल रहे SIR (स्पेशल समरी रिवीजन) अभियान में भाजपा के सांसदों और विधायकों की अपेक्षित भागीदारी न होने से संघ बेहद नाराज़ है। जानकारी के अनुसार, कई जिलों में MP-MLA ने बूथ स्तर पर SIR की समीक्षा या पर्यवेक्षण में दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिससे संघ के पदाधिकारी नाखुश हैं। उनका मानना है कि चुनावी वर्षों में ऐसे अभियानों को हल्के में लेना संगठनात्मक कमजोरी को दर्शाता है।
RSS ने इस ढीलापन सीधे तौर पर प्रदेश नेतृत्व की निष्क्रियता से जोड़ा है और बैठक में इसे गंभीर मुद्दे के रूप में उठाया गया। यही कारण है कि नया अध्यक्ष चुने जाने में संगठन एक ऐसे चेहरे की तलाश में है जो सांसदों-विधायकों को सक्रिय बनाए रखे और बूथ स्तर तक पार्टी को फिर से ऊर्जावान कर सके।पार्टी सूत्रों का कहना है कि नाम पर मुहर लग चुकी है और औपचारिक घोषणा दिल्ली से किसी भी समय हो सकती है।
