कानपुर : कानपुर से एक दुखद खबर सामने आई है। ड्यूटी के बाद अपने घर लौट रहे भारतीय सेना के हवलदार वीरेंद्र सिंह का सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद 45 दिनों तक चले इलाज के दौरान निधन हो गया।

हवलदार वीरेंद्र सिंह मैथा ब्लॉक के रंजीतपुर गांव के निवासी थे और 16 कुमाऊँ रेजीमेंट में सेवा दे रहे थे।

घटना 13 अक्टूबर 2025 को हुई। सड़क दुर्घटना में उन्हें गंभीर सिर की चोटें आईं, जिसके बाद उन्हें तुरंत लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SGPGI) में भर्ती कराया गया।

45 दिनों तक चले सघन उपचार के बावजूद सोमवार, 13 अक्टूबर 2025 की रात उनका निधन हो गया।

भारतीय सेना ने उनके पार्थिव शरीर को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके परिवार को सौंपा। अगले दिन, 14 अक्टूबर 2025 को हवलदार वीरेंद्र सिंह की अंतिम यात्रा निकाली गई। रंजीतपुर गांव में शोक का माहौल था और ग्रामीणों ने नम आंखों से अपने वीर सपूत को अंतिम विदाई दी। सेना के जवानों ने उन्हें सलामी दी और पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद, हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया गया।

हवलदार वीरेंद्र सिंह ने देश की सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। इस कठिन समय में हमारी संवेदनाएं उनके परिवार और 16 कुमाऊँ रेजीमेंट के सभी जवानों के साथ हैं।