फतेहपुर।उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में अपराध के गंभीर मामलों में फंसे चार सगे भाइयों पर एक और नया मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मामला बिंदकी थाने में दर्ज हुआ है।
वहीं इन आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी न होने से पुलिस विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।

जानकारी के अनुसार, चांदपुर थाना क्षेत्र के अमौली निवासी आकांशु दीक्षित उर्फ मोनी और उसके तीन भाई — अमित दीक्षित, आदित्य दीक्षित और हिमांशु दीक्षित — पर पहले से ही कई संगीन मामले दर्ज हैं। इनमें पास्को एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, और नकली शराब बनाने के आरोप भी शामिल हैं।

हाल ही में आकांशु दीक्षित पर अपनी भतीजी और भाभी से छेड़छाड़ और दुष्कर्म का प्रयास करने का आरोप लगा था। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने पास्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इसके अलावा चारों भाइयों पर फतेहपुर के बिंदकी, कानपुर के बर्रा और उत्तराखंड के हरिद्वार में भी धोखाधड़ी और पैसों के लेन-देन से जुड़े मुकदमे दर्ज हैं।

इन सभी मामलों के बावजूद अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। यह स्थिति स्थानीय स्तर पर पुलिस की निष्क्रियता और प्रभावशाली लोगों की भूमिका पर सवाल खड़े कर रही है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि “आम जनता के मामूली विवादों में पुलिस त्वरित कार्रवाई करती है, लेकिन इतने गंभीर मामलों में कार्रवाई न होना हैरान करने वाला है।” वहीं विपक्षी दलों और कुछ भाजपा पदाधिकारियों ने भी पुलिस से कड़ी और निष्पक्ष जांच की मांग की है।

प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की “जीरो टॉलरेंस” नीति के बावजूद इस तरह के मामलों में देरी कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लगा रही है।
