नई दिल्ली: पाकिस्तान द्वारा भारत के विरुद्ध आक्रामक रुख अपनाने के बाद भारतीय सेना (OPERATION SINDOOR) ने महज चार दिनों में जो जवाबी कार्रवाई की है, उसने न केवल पड़ोसी मुल्क को सामरिक स्तर पर झकझोर दिया है, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी उसे बर्बादी की राह पर ला खड़ा किया है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के 11 प्रमुख एयरबेस, आतंकियों के लॉन्चपैड और उसके सामरिक ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया है. इस अभियान में 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने और अरबों रुपये के सैन्य नुकसान की पुष्टि हुई है.
OPERATION SINDOOR: पाकिस्तान की वायु शक्ति को करारा झटका
भारतीय वायुसेना की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 11 एयरबेस को गंभीर नुकसान पहुंचाया गया. इनमें नूर खान/चकलाला एयरबेस (रावलपिंडी), रफीकी बेस (शोरकोट), मुरीद बेस, सियालकोट एयरबेस, स्कार्दू, पसरूर, भोलारी और जैकोबाबाद जैसे सामरिक दृष्टि से अहम केंद्र शामिल हैं.
विशेषज्ञों के मुताबिक, इन एयरबेस पर हुए हमलों से पाकिस्तान की वायुसेना लगभग पंगु हो गई है. फाइटर जेट्स की तैनाती और उड़ान संचालन में बाधा उत्पन्न हो चुकी है. इन ठिकानों की मरम्मत और पुनर्निर्माण में महीनों लग सकते हैं.
पाकिस्तानी AWACS विमान जमींदोज
ऑपरेशन के दौरान भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के सबसे अहम एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) विमान को भी निशाना बनाया. यह विमान पाकिस्तानी पंजाब क्षेत्र में उड़ान भर रहा था, जब उसे ध्वस्त कर दिया गया. इस विमान की अनुमानित कीमत ₹5,845 करोड़ रुपये बताई जा रही है, जिससे पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है.
☠️ आतंकियों के 9 ठिकानों पर धावा, 100 आतंकी ढेर
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक सैन्य कार्रवाई की शुरुआत की. इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकियों के 9 बड़े ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया.
इस अभियान में मारे गए आतंकियों में पाकिस्तान के टॉप-5 खूंखार आतंकी भी शामिल हैं:
- मुदस्सर खादियान
- हाफिज मुहम्मद जमील
- मोहम्मद यूसुफ अजहर
- खालिद उर्फ अबू अक्शा
- मोहम्मद हसन खान
इनमें से कई मसूद अजहर जैसे मोस्ट वांटेड आतंकियों के करीबी माने जाते थे. भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इनकी मौत से आतंकियों के नेटवर्क को तगड़ा झटका लगा है.
आतंक के लॉन्चपैड और हेडक्वार्टर नेस्तनाबूद
एलओसी के निकट स्थित पाकिस्तान के आतंकी लॉन्चपैड, हथियार भंडारण और प्रशिक्षण केंद्र पूरी तरह बर्बाद कर दिए गए हैं. इन केंद्रों को फिर से खड़ा करना पाकिस्तान के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि यह भारी निवेश और समय मांगता है.
भारतीय सेना की विशेष इकाइयों द्वारा की गई इन कार्रवाइयों ने पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को गंभीर नुकसान पहुंचाया है और PoK में भर्ती प्रक्रिया भी लगभग ठप हो गई है.
महिला अधिकारियों की भूमिका: रणनीति से लेकर हमले तक
ऑपरेशन सिंदूर में महिला सैन्य अधिकारियों की भूमिका भी सराहनीय रही. सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन के दौरान रणनीतिक दिशा-निर्देशों और मिशन को अंजाम देने में सक्रिय सहभागिता की.
कर्नल कुरैशी ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली को जड़ से हिलाना और आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों को खत्म करना था. “हमने मुख्य रूप से रडार स्टेशनों, कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर और हथियार डिपो को निशाना बनाया,” उन्होंने कहा.
📉 7,900 करोड़ का आर्थिक नुकसान
एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार, भारत से हुई इस जवाबी कार्रवाई के कारण पाकिस्तान को करीब ₹7,900 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. इसमें शामिल हैं:
- वायुसेना के बेस और विमानों का नुकसान
- मिसाइल और हथियार भंडारण का नाश
- आतंकियों की मौत और प्रशिक्षण केंद्रों का विनाश
- आर्थिक गतिविधियों पर असर
यह नुकसान पाकिस्तान की पहले से ही जर्जर अर्थव्यवस्था को और डगमगाने वाला साबित हो सकता है.
भारत का स्पष्ट संदेश: हमला बर्दाश्त नहीं
इस ऑपरेशन से भारत ने एक स्पष्ट संदेश दिया है कि आतंक और सैन्य दुस्साहस के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जाएगी. प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, भारत भविष्य में भी ऐसे किसी हमले का जवाब सटीक, तीव्र और निर्णायक तरीके से देगा.