📍 कोल्हापुर, महाराष्ट्र | रिपोर्ट – Nation Now Samachar–महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के शिरोल तालुका स्थित नांदनी जैन मठ की हथिनी ‘माधुरी’ उर्फ ‘महादेवी’ को वापस लाने की मांग को लेकर जनआक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा। रविवार को नांदनी से कोल्हापुर जिला कलेक्टर कार्यालय तक एक शांतिपूर्ण मूक पदयात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों, महिलाओं, युवाओं और सामाजिक संगठनों ने भाग लिया।
प्रदर्शन में शामिल हुए पूर्व सांसद राजू शेट्टी मठ से ‘माधुरी’ हथिनी को वनतारा भेजने का भारी विरोध
स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के प्रमुख और पूर्व सांसद राजू शेट्टी भी इस आंदोलन में शामिल हुए। जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा:“महादेवी केवल एक हथिनी नहीं है, वह हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है। 700 वर्षों से मठ ने हाथियों की सेवा की है, और अब उस पर संगीन आरोप लगाकर हमारी आस्था को तोड़ा जा रहा है। ये अन्याय है!”राजू शेट्टी ने यह भी कहा कि जब महादेवी गांव छोड़ रही थी, “उसकी आंखों में आंसू थे, उसने मंदिर को प्रणाम किया और गांव को अलविदा कहा। ये दृश्य हर कोल्हापुरवासी की आत्मा को झकझोरने वाला था।”
कोर्ट के आदेश पर महादेवी को भेजा गया ‘वनतारा’ मठ से ‘माधुरी’ हथिनी को वनतारा भेजने का भारी विरोध
बॉम्बे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महादेवी को गुजरात के जामनगर स्थित अंबानी परिवार के वन्यजीव संरक्षण केंद्र ‘वनतारा’ में स्थानांतरित किया गया। इस फैसले का स्थानीय स्तर पर जबरदस्त विरोध हुआ।
भावुक विदाई, पथराव और बहिष्कार मठ से ‘माधुरी’ हथिनी को वनतारा भेजने का भारी विरोध
महादेवी की विदाई के समय ग्रामीणों की आंखें नम थीं। पुलिस के काफिले पर पथराव भी हुआ। स्थानीय लोगों ने ‘जियो’ के बहिष्कार का आह्वान किया और हथिनी की वापसी के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू किया।
‘वनतारा’ संस्था पर राजू शेट्टी के गंभीर आरोप मठ से ‘माधुरी’ हथिनी को वनतारा भेजने का भारी विरोध
राजू शेट्टी ने ‘वनतारा’ को फर्जी संस्था बताया और कहा कि—“ऐसा लगने लगा है कि देश और महाराष्ट्र मुकेश अंबानी और अनंत अंबानी के गुलाम बन गए हैं।”उन्होंने यह भी आरोप लगाए कि ‘वनतारा’ एक दिखावटी संस्था है और इसमें जानवरों की ‘तस्करी’ जैसे गंभीर मुद्दे छिपे हो सकते हैं।
मांग: ‘महादेवी’ को वापस लाओ मठ से ‘माधुरी’ हथिनी को वनतारा भेजने का भारी विरोध
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि महादेवी को उसके मूल स्थान नांदनी जैन मठ में वापस लाया जाए और हजारों वर्षों की परंपरा व आस्था का सम्मान किया जाए।