
ग्वालियर: सोमवार की शाम फूलबाग इलाके में सीएसपी हिना खान और अधिवक्ता अनिल मिश्रा के बीच आमना-सामना हुआ, जो देखते ही देखते नारेबाज़ी और धार्मिक नारों की टकराहट में बदल गया। अनिल मिश्रा अपने समर्थकों के साथ सुंदरकांड पाठ करने पहुंचे थे, लेकिन धारा 163 लागू होने और निषेधाज्ञा के चलते उन्हें सीएसपी हिना खान ने रोक दिया।

मिश्रा ने प्रशासन पर सनातन धर्म के खिलाफ होने का आरोप लगाया और “जय श्री राम” के नारे लगाने शुरू कर दिए। इस पर हिना खान ने भी साहसिक तरीके से चार बार नारे लगाए, जिससे माहौल और गरमाया। भीड़ में मौजूद समर्थकों ने भी जोर से नारे लगाए।
यह विवाद तब भड़का जब मिश्रा का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने बाबासाहेब की प्रतिमा को लेकर कथित अपमान का आरोप लगाया। ग्वालियर और महाराष्ट्र में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। हालांकि कई संगठन जैसे भीम आर्मी और आज़ाद समाज पार्टी ने 15 अक्टूबर का विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया।

प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी: कलेक्टर रुचिका चौहान और आईजी अरविंद सक्सेना ने बताया कि 260 से ज्यादा भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट हटाई गई हैं और 700 अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी संवेदनशील इलाकों में तैनात किए गए। फूलबाग, लश्कर और हजीरा में सीसीटीवी निगरानी, बैरिकेडिंग और पुलिस गश्त लगातार जारी है।

इस घटना ने शहर में धर्म और प्रशासन के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती को उजागर किया। निषेधाज्ञा और कानून-व्यवस्था का पालन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस सतर्क है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।