इंदौर के चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड में बड़ा कानूनी घटनाक्रम सामने आया है। इस मामले में आरोपी पत्नी सोनम रघुवंशी ने शिलॉन्ग की अदालत में जमानत याचिका दाखिल की है। जमानत अर्जी में सोनम ने खुद को निर्दोष बताते हुए हत्या के आरोपों और सह-आरोपी राज कुशवाह के साथ कथित संबंधों से साफ इनकार किया है। मामले को लेकर अब एक बार फिर चर्चाएं तेज हो गई हैं और सभी की नजरें कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई हैं।

सोनम ने अदालत में दिए गए अपने बयान में कहा कि उसका राजा रघुवंशी की हत्या से कोई लेना-देना नहीं है। उसने स्पष्ट शब्दों में कहा, “मैंने राजा की हत्या नहीं की। राज कुशवाह मेरा भाई जैसा था, हमारे बीच कोई अवैध या आपत्तिजनक संबंध नहीं थे।” सोनम ने पुलिस जांच और मीडिया रिपोर्ट्स में लगाए गए सभी आरोपों को झूठा और मनगढ़ंत बताया है।गौरतलब है कि राजा रघुवंशी हत्याकांड ने पूरे देश में सनसनी फैला दी थी। पुलिस जांच में सोनम और राज कुशवाह को मुख्य आरोपी बनाया गया था। आरोप है कि पति राजा की हत्या की साजिश रची गई और उसमें पत्नी की अहम भूमिका रही। इसी आधार पर सोनम को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।
वहीं, मृतक राजा रघुवंशी के भाई ने सोनम की जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि यह मामला बेहद गंभीर है और अगर आरोपी को जमानत मिलती है तो वह साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकती है या गवाहों को प्रभावित कर सकती है। उन्होंने अदालत से मांग की है कि जमानत याचिका खारिज की जाए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रखी जाए।
अदालत में दोनों पक्षों की दलीलें सुनी जा रही हैं। अभियोजन पक्ष ने केस डायरी, सबूतों और कॉल डिटेल्स का हवाला देते हुए जमानत का विरोध किया, जबकि बचाव पक्ष ने सोनम को निर्दोष बताते हुए कहा कि उसे झूठे आरोपों में फंसाया गया है।
अब इस हाई-प्रोफाइल केस में शिलॉन्ग कोर्ट के फैसले का इंतजार है, जो तय करेगा कि सोनम को जमानत मिलेगी या नहीं। कोर्ट का निर्णय न सिर्फ इस केस की दिशा तय करेगा, बल्कि आगे की जांच और ट्रायल पर भी इसका गहरा असर पड़ेगा।
