सोनभद्र/मनोज कुमार
SONBHADRA CONGRESS PROTESTS: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे विद्यालयों के विलय कार्यक्रम के खिलाफ अब विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया है। इसी क्रम में 4 जुलाई को सोनभद्र में कांग्रेस पार्टी ने ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन जिला अध्यक्ष रामराज गोंड़ के नेतृत्व में हुआ, जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी कार्यालय में सौंपा। SONBHADRA CONGRESS PROTESTS
🔴 सोनभद्र से बड़ी खबर
— NATION NOW समाचार (@nnstvlive) July 4, 2025
🔴 कांग्रेस का प्रदर्शन,
🔴 विद्यालयों के विलय के खिलाफ कलेक्ट्रेट में नारेबाजी,
🔴 राज्यपाल के नाम सौंपा गया ज्ञापन,
🔴 सरकार के फैसले को बताया शिक्षा विरोधी,
🔴 मिड-डे मील कर्मचारियों की नौकरी पर संकट का आरोप,
🔴 विलय का फैसला वापस लेने की मांग पर… pic.twitter.com/GRC06KLu0i
कांग्रेस का विरोध: संविधान और अधिकारों के खिलाफ़- SONBHADRA CONGRESS PROTESTS
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार का यह निर्णय संविधान की मूल भावना और बच्चों के शिक्षा के अधिकार के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों के विलय से न केवल बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी, बल्कि इससे जुड़े मिड डे मील कर्मचारियों, शिक्षकों और अभिभावकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। SONBHADRA CONGRESS PROTESTS
कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामराज गोंड़ ने कहा –
"सरकार का यह फैसला शिक्षा के क्षेत्र में भारी अव्यवस्था और असमानता को जन्म देगा। ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही सुविधाओं की कमी है, और अब स्कूलों को बंद कर बच्चों को दूर भेजा जा रहा है।"

🔹 मिड-डे-मील व रोजगार पर संकट
प्रदर्शन में शामिल वक्ताओं ने कहा कि विद्यालयों के विलय से मिड-डे-मील योजना में कार्यरत हजारों रसोइयों और सहयोगियों की नौकरी खतरे में पड़ गई है। कई स्कूलों में ताले लग चुके हैं और कर्मचारियों को हटाया जा रहा है। वहीं ग्रामीण इलाके के छात्रों को स्कूल पहुंचने में दूरी, सुरक्षा और सुविधा से समझौता करना पड़ रहा है।
वक्ताओं ने मांग की कि सरकार को यह फैसला तत्काल वापस लेना चाहिए और इसकी जगह नए स्कूल खोलकर शिक्षा को सुलभ बनाया जाना चाहिए।
🔹 मांग पत्र में शामिल प्रमुख बिंदु:-
- प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों के विलय का निर्णय रद्द किया जाए।
- ग्रामीण क्षेत्रों में नये स्कूल खोले जाएं।
- मिड डे मील से जुड़े कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित की जाए।
- शिक्षा के अधिकार को प्रभावित करने वाले निर्णयों को लोकतांत्रिक संवाद के माध्यम से लिया जाए।
🔹 शांतिपूर्ण प्रदर्शन, भारी सुरक्षा
प्रदर्शन के दौरान कलेक्ट्रेट परिसर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात रहा। कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण तरीके से नारेबाजी की और सरकार के फैसले की आलोचना की।
जिलाधिकारी कार्यालय में ओएसडी के माध्यम से राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें स्पष्ट रूप से सरकार के निर्णय को वापस लेने की अपील की गई।