Pilibhit SDRF mock drill: आगामी मॉनसून और संभावित बाढ़ के खतरे को ध्यान में रखते हुए, पीलीभीत जिले के सदर तहसील क्षेत्र की देवहा नदी पर SDRF और जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य था – आपातकालीन स्थिति में प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा करना और जनता को यह संदेश देना कि प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। Pilibhit SDRF mock dril
👮♀️ प्रशासन रहा सक्रिय मोड में- Pilibhit SDRF mock dril
इस मॉक ड्रिल में एडीएम ऋतु पुनिया और एसडीएम श्रद्धा सिंह ने मौके पर पहुंचकर मोटरबोट के जरिए राहत कार्यों का निरीक्षण किया। ड्रिल के दौरान यह प्रदर्शित किया गया कि बाढ़ में फंसे लोगों को किस प्रकार सुरक्षित निकाला जाएगा और उन्हें राहत शिविरों तक कैसे पहुंचाया जाएगा।
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🚨 SDRF ने दिया प्रशिक्षण- Pilibhit SDRF mock dril
SDRF की टीम ने现场 पर मौजूद अधिकारियों व कर्मचारियों को बाढ़ राहत ऑपरेशन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। मॉक ऑपरेशन के दौरान यह बताया गया कि कैसे बचाव नावों, लाइफ जैकेट्स और रस्सियों का इस्तेमाल करके पीड़ितों तक पहुंचा जाए। SDRF के एक्सपर्ट्स ने बताया कि किसी भी आपदा में “गति और समन्वय” सबसे अहम होते हैं।
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🗣️ एडीएम और एसडीएम ने क्या कहा- Pilibhit SDRF mock dril
ऋतु पुनिया (एडीएम, पीलीभीत) ने कहा –
"प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। ऐसी मॉक ड्रिल से हमें वास्तविक समय पर निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है।"
एसडीएम श्रद्धा सिंह ने SDRF की कार्य प्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि –
"इनका अनुभव और पेशेवर तरीका किसी भी आपदा की स्थिति में बेहद कारगर होता है।"

🚧 बाढ़ से निपटने की रणनीति
- SDRF की दो टीमें संवेदनशील इलाकों की निगरानी कर रही हैं।
- बाढ़ संभावित क्षेत्रों में अस्थाई राहत शिविरों की पहचान कर ली गई है।
- नदी के जलस्तर की रियल टाइम मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है।
- ग्राम पंचायत स्तर पर भी बाढ़ से जुड़े दिशा-निर्देश साझा किए गए हैं।
📷 मॉक ड्रिल से भरोसे का संदेश- Pilibhit SDRF mock dril
देवहा नदी पर की गई यह मॉक ड्रिल न सिर्फ प्रशासन की तैयारियों को दर्शाती है, बल्कि आमजन को भी भरोसा दिलाती है कि किसी भी विपदा से निपटने के लिए सिस्टम पूरी तरह सजग है। पीलीभीत जैसे सीमावर्ती जनपद में बाढ़ हर साल एक बड़ी चुनौती रही है, ऐसे में यह अभ्यास अत्यंत जरूरी माना जा रहा है।