Moradabad Chadda family case: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में शराब कारोबार की दुनिया का चर्चित नाम हरभजन सिंह चड्ढा अब एक कानूनी विवाद के केंद्र में है। उनकी मौत के बाद उनकी संपत्ति को लेकर धोखाधड़ी और जालसाजी का गंभीर मामला सामने आया है। हरभजन चड्ढा के बेटे, पोते, पत्नी और बहू समेत कुल चार लोगों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
14 साल पुरानी पार्टनरशिप से शुरू हुआ विवाद- Moradabad Chadda family case
एफआईआर में शिकायतकर्ता गोपाल मिश्रा ने बताया कि उन्होंने हरवीर सिंह चड्ढा और उनके दादा हरभजन सिंह चड्ढा के साथ मिलकर 13 जुलाई 2010 को एक पार्टनरशिप फर्म मैसर्स चड्ढा डेवलपर्स बनाई थी। इसमें हिस्सेदारी का बंटवारा 37.5% हरभजन, 37.5% हरवीर और 25% गोपाल मिश्रा के नाम था। डीड में यह साफ लिखा गया था कि यदि किसी साझेदार की मृत्यु हो जाती है, तो यह पार्टनरशिप स्वतः समाप्त हो जाएगी। Moradabad Chadda family case
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— NATION NOW समाचार (@nnstvlive) July 5, 2025
बाइट- कुमार रणविजय सिंह, एसपी सिटी, मुरादाबाद pic.twitter.com/8o52Rdme6S
हरभजन की मृत्यु के बाद डील को नजरअंदाज किया गया- Moradabad Chadda family case
गोपाल मिश्रा के मुताबिक, हरभजन सिंह की 22 दिसंबर 2020 को मृत्यु हो गई, जिससे पार्टनरशिप डीड स्वतः खत्म हो गई। इसके बाद मिश्रा ने हरवीर और गुरजीत चड्ढा से संपर्क कर नई पार्टनरशिप डीड बनाने की कोशिश की। लेकिन दोनों टालते रहे और छुपकर फर्जी कागज़ात तैयार कर लिए।
बिना जानकारी के संपत्ति का सौदा, 50 लाख का भुगतान- Moradabad Chadda family case
गोपाल मिश्रा का आरोप है कि चड्ढा परिवार ने उनकी सहमति और जानकारी के बिना फर्म के नाम पर एक इकरारनामा तैयार कर लिया, जिसमें फर्म के खाते से 50 लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया गया। गोपाल ने दावा किया कि यह फर्म पहले ही भंग हो चुकी थी और फिर भी उसे इस्तेमाल किया गया।
आरोपी कौन-कौन?- Moradabad Chadda family case
एफआईआर में नामजद आरोपियों में शामिल हैं:
- हरवीर सिंह चड्ढा (पोते)
- गुरजीत सिंह चड्ढा (पुत्र)
- जसप्रीत कौर (पत्नी, स्व. हरभजन सिंह चड्ढा)
- तमन्ना चड्ढा (पत्नी, हरवीर सिंह चड्ढा)
इन सभी पर धोखाधड़ी, जालसाजी और विश्वासघात जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। साथ ही कुछ अज्ञात व्यक्ति भी इस घोटाले में शामिल हो सकते हैं, जिन्हें बाद में जांच के दौरान जोड़ा जाएगा।
एसपी सिटी मुरादाबाद कुमार रणविजय सिंह ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और विवेचना शुरू कर दी गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए दस्तावेज़ों की फॉरेंसिक जांच और वित्तीय लेन-देन की जांच की जाएगी। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।