UP Education Reform: उत्तर प्रदेश में बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए योगी सरकार ने एक महत्वाकांक्षी कदम उठाया है। प्रदेश के 39 जिलों में मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय की स्थापना का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इन मॉडल स्कूलों में प्री-प्राइमरी से लेकर 12वीं कक्षा तक की शिक्षा एक ही परिसर में प्रदान की जाएगी। शिक्षा क्रांति 2025 के तहत यह योजना राज्य की शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक और समावेशी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
योजना का उद्देश्य और महत्व- UP Education Reform
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शुरू की गई इस योजना का लक्ष्य है कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण और तकनीक से युक्त शिक्षा मिले। उत्तर प्रदेश मॉडल स्कूल के जरिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बच्चों को कॉन्वेंट स्कूलों जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। सरकार का मानना है कि ये विद्यालय न केवल शिक्षा का केंद्र होंगे, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कौशल प्रशिक्षण और खेलकूद की सुविधाएं भी प्रदान करेंगे।
प्रथम चरण में सभी 75 जिलों में एक-एक मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय बनाए जाएंगे, और दूसरे चरण में प्रत्येक जिले में एक और विद्यालय की स्थापना होगी। इस तरह प्रत्येक जिले में दो मॉडल स्कूल होंगे, जो लाखों बच्चों को आधुनिक शिक्षा का लाभ देंगे।
निर्माण कार्य की प्रगति- UP Education Reform
राज्य सरकार के मीडिया सेल के अनुसार, 39 जिलों में निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इनमें सीतापुर, बिजनौर, कानपुर देहात, महाराजगंज, अम्बेडकरनगर, बुलन्दशहर, लखीमपुर खीरी, बलिया, सुल्तानपुर, हमीरपुर, रायबरेली, औरैया, अमेठी, हरदोई, अमरोहा, चित्रकूट, ललितपुर, जालौन, चन्दौली, फिरोजाबाद, श्रावस्ती, इटावा, मैनपुरी, हापुड़, कौशाम्बी, मऊ, गाजियाबाद, शाहजहांपुर, गौतमबुद्धनगर, संतकबीरनगर, सम्भल, गाजीपुर, मुजफ्फरनगर, रामपुर, हाथरस, बदायूं, बहराइच, भदोही और बागपत शामिल हैं।

इन जिलों में वित्तीय स्वीकृति और भूमि चयन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसके अलावा, 10 अन्य जिलों में जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने वाला है। शेष जिलों में शासन स्तर पर स्वीकृति और भूमि चयन का काम अंतिम चरण में है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को गति देने के लिए सरकार ने छह प्रमुख निर्माण एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी है।
विद्यालयों की विशेषताएं- UP Education Reform
मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालयों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये प्री-प्राइमरी से लेकर 12वीं तक की शिक्षा एक ही परिसर में प्रदान करेंगे। प्रत्येक स्कूल 5 से 10 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा, जिसकी लागत लगभग 30 करोड़ रुपये होगी। ये विद्यालय आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे, जो बच्चों को वैश्विक स्तर की शिक्षा प्रदान करेंगे।
इन स्कूलों में निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध होंगी:-
- 30 स्मार्ट क्लासरूम: डिजिटल बोर्ड और इंटरैक्टिव लर्निंग के लिए।
- डिजिटल लाइब्रेरी और कंप्यूटर लैब: तकनीकी ज्ञान और रिसर्च के लिए।
- आधुनिक विज्ञान प्रयोगशाला: प्रायोगिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए।
- मिनी स्टेडियम और खेल मैदान: बच्चों के शारीरिक विकास के लिए।
- कौशल विकास केंद्र: रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण के लिए।
- शिक्षकों के लिए आवास: शिक्षण कार्य को सुगम बनाने के लिए।
- सुरक्षा और सुविधाएं: सीसीटीवी निगरानी, वाई-फाई, स्वच्छ जल और शौचालय।
शिक्षा और कौशल विकास पर जोर
इन विद्यालयों में न केवल किताबी ज्ञान, बल्कि कौशल विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। बच्चों को डिजिटल साक्षरता, तकनीकी कौशल और उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही, खेलकूद और सह-पाठ्यचर्या गतिविधियों के माध्यम से उनके व्यक्तित्व का समग्र विकास होगा।
एक स्थानीय अभिभावक, रमेश कुमार ने कहा, “हमारे बच्चों को अब गाँव में ही शहर जैसे स्कूल में पढ़ने का मौका मिलेगा। यह योजना हमारे लिए बहुत बड़ी राहत है।”
सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना को शिक्षा के क्षेत्र में गेम-चेंजर बताया है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाएगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को भी मुख्यधारा में लाएगी। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि निर्माण कार्य समय पर पूरा हो और गुणवत्ता से कोई समझौता न हो।
भविष्य की योजना
पहले चरण के बाद, दूसरे चरण में प्रत्येक जिले में एक और मॉडल स्कूल बनाया जाएगा। इसके अलावा, सरकार ने प्रदेश की 8,000 न्याय पंचायतों में भी सीएम मॉडल कंपोजिट स्कूल स्थापित करने की योजना बनाई है। इन स्कूलों में 10 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी।
मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय योजना उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू करने जा रही है। यह योजना न केवल बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में भी मदद करेगी। सरकार की इस पहल से लाखों परिवारों को लाभ होगा, और उत्तर प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य के रूप में उभरेगा।
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