POSTMORTEM NEW GUIDELINES IN UP: उत्तर प्रदेश में अब सिर्फ 4 घंटे में होगा पोस्टमार्टम; डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के आदेश पर नई गाइडलाइन जारी

(Photo Credit: NATION NOW SAMACHAR)

POSTMORTEM NEW GUIDELINES IN UP: उत्तर प्रदेश सरकार ने जनता को बड़ी राहत देते हुए पोस्टमार्टम प्रक्रिया में ऐतिहासिक बदलाव किया है। अब राज्य भर में शव परीक्षण अधिकतम 4 घंटे में किया जाएगा। यह निर्णय उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने लिया है, जिसकी सूचना खुद स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने एक शासनादेश जारी करके दी है।

📌 4 घंटे में अनिवार्य पोस्टमार्टम- POSTMORTEM NEW GUIDELINES IN UP

अब राज्य में कहीं भी किसी भी मौत की स्थिति में अधिकतम 4 घंटे में पोस्टमार्टम किया जाएगा। पहले यह प्रक्रिया 12 से 14 घंटे तक खिंच जाती थी, जिससे मृतक के परिजनों को भारी असुविधा होती थी। POSTMORTEM NEW GUIDELINES IN UP

🏥 पोस्टमार्टम हाउस में त्वरित कार्य प्रणाली- POSTMORTEM NEW GUIDELINES IN UP

डिप्टी सीएम ने सीएमओ को निर्देश दिए हैं कि जिन जिलों में शव परीक्षण अधिक होते हैं, वहां डॉक्टरों की अतिरिक्त टीमें गठित की जाएं। सूर्यास्त के बाद 1000 वॉट की कृत्रिम लाइटिंग, जरूरी संसाधनों और डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। POSTMORTEM NEW GUIDELINES IN UP

🔍 रात में पोस्टमार्टम के नियम- POSTMORTEM NEW GUIDELINES IN UP

रात में हत्या, आत्महत्या, यौन अपराध, क्षत-विक्षत शव एवं संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु के मामलों में पोस्टमार्टम नहीं किया जाएगा। लेकिन जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति से आपात स्थिति में इसे कराया जा सकता है।
विशेष मामलों जैसे एनकाउंटर, पुलिस कस्टडी में मौत, विवाह के पहले 10 वर्षों में महिला की मौत आदि में वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी।

🎥 वीडियोग्राफी का खर्च- POSTMORTEM NEW GUIDELINES IN UP

वीडियोग्राफी की लागत मृतक परिवार से नहीं ली जाएगी, बल्कि उसका भुगतान रोगी कल्याण समिति या अन्य निधियों से किया जाएगा।

📤 रिपोर्ट ऑनलाइन और समयबद्ध

पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब ऑनलाइन उपलब्ध होगी। कोई भी देरी या कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए प्रत्येक पोस्टमार्टम हाउस में एक कंप्यूटर ऑपरेटर और दो डाटा एंट्री ऑपरेटरों की नियुक्ति सीएमओ द्वारा की जाएगी।

🚑 शव वाहन की व्यवस्था

डिप्टी सीएम ने हर जिले के सीएमओ को कम से कम दो शव वाहन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। शव को अस्पताल से पोस्टमार्टम हाउस तक ले जाने में कोई देरी न हो इसके लिए यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू की जाएगी।

👩 महिला डॉक्टर की अनिवार्यता

महिला अपराध, रेप, या विवाह के पहले 10 वर्षों में महिला की मृत्यु जैसे मामलों में पोस्टमार्टम पैनल में एक महिला डॉक्टर की मौजूदगी अनिवार्य होगी।

🧬 डीएनए सैंपलिंग अनिवार्य

अज्ञात शव की स्थिति में डीएनए सैंपलिंग अनिवार्य की गई है ताकि मृतकों की पहचान में कोई दिक्कत न हो।

प्रदेश सरकार का यह निर्णय न सिर्फ मृतक के परिजनों के दर्द को कम करेगा, बल्कि शव परीक्षण से जुड़ी प्रशासनिक जटिलताओं और देरी को भी खत्म करेगा। इससे विश्वसनीयता, पारदर्शिता और संवेदनशीलता की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

SOURCE- ETV BHARAT

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