लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के लिए (High Salary Jobs in UP) एक महत्वाकांक्षी कदम उठाया है. 2024 में पेश की गई ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) नीति के माध्यम से अगले पांच वर्षों में प्रदेश में 2 लाख से अधिक उच्च वेतन वाली नौकरियां सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है. यह नीति राज्य को वैश्विक कारोबार के केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है.
High Salary Jobs in UP- यूपी की GCC नीति का उद्देश्य
इस नीति का मुख्य मकसद उत्तर प्रदेश को वैश्विक व्यवसाय के नक्शे पर प्रमुख स्थान दिलाना है. नोएडा, लखनऊ, कानपुर और वाराणसी जैसे प्रमुख शहरों को तकनीकी और डिजिटल सेवाओं के केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके तहत विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करने के लिए कई प्रकार के आर्थिक प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं ताकि राज्य में आर्थिक समृद्धि और विकास को बढ़ावा मिले.
आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहन और निवेश के अवसर
योगी सरकार ने निवेशकों के लिए कई वित्तीय प्रोत्साहन योजना घोषित की हैं, जिसमें भूमि पर 30-50% की सब्सिडी, 100% स्टांप ड्यूटी छूट, 25% पूंजीगत सब्सिडी, 5% ब्याज सब्सिडी, और परिचालन सब्सिडी शामिल हैं. इसके अलावा, प्रति कर्मचारी पेट्रोल सब्सिडी भी उपलब्ध है, जो 1.8 लाख रुपये तक हो सकती है. ये सभी प्रोत्साहन निवेश लागत को कम करने और निवेशकों को राज्य में आकर्षित करने में मदद करेंगे.
स्पष्ट मानदंड और व्यापक निवेश अवसर
इस नीति में लेवल-1 और एडवांस्ड GCC के लिए स्पष्ट निवेश मानदंड तय किए गए हैं. लेवल-1 GCC के लिए 15 करोड़ रुपये निवेश या 500 कर्मचारियों की भर्ती जरूरी है, जबकि एडवांस्ड GCC के लिए 50 करोड़ रुपये निवेश या 1,000 कर्मचारियों की शर्त है. इससे न केवल बड़े निवेशकों को बल्कि छोटे और मध्यम निवेशकों को भी समान अवसर मिलेंगे.
फॉर्च्यून 500 कंपनियों और विदेशी निवेश पर विशेष ध्यान
यूपी सरकार फॉर्च्यून ग्लोबल 500 और इंडिया 500 कंपनियों के साथ-साथ 100 करोड़ रुपये से अधिक के विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने पर खास ध्यान दे रही है. इस नीति के तहत इन्हें अनुकूल प्रोत्साहन पैकेज भी दिए जा रहे हैं, जो वैश्विक दिग्गज कंपनियों को यूपी में निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगा.
नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा
यूपी सरकार ने इस नीति में नवाचार और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए भी कदम उठाए हैं. स्टार्टअप्स के लिए 50% लागत प्रतिपूर्ति, पेटेंट के लिए आईपीआर सब्सिडी, और उत्कृष्टता केंद्रों के लिए वित्तीय अनुदान शामिल हैं. इससे राज्य में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और युवा उद्यमी नई खोज कर सकेंगे.
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर नीति से यूपी में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे युवाओं को बेहतर भविष्य मिलेगा. नोएडा और लखनऊ जैसे शहर तकनीकी सेवाओं के हब के रूप में विकसित होंगे, जबकि कानपुर और वाराणसी जैसे शहर डिजिटल सेवा केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाएंगे. यह नीति न केवल आर्थिक विकास को गति देगी, बल्कि सामाजिक समृद्धि और युवाओं के कौशल विकास में भी मददगार साबित होगी.
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