BIRD FLU ALERT IN UP: उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ा, गोरखपुर में बाघिन की मौत से हड़कंप, 4 चिड़ियाघर बंद

Bird Flu Alert in up

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू का खतरा (BIRD FLU ALERT IN UP) लगातार गहराता जा रहा है. गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में एक दो वर्षीय बाघिन ‘शक्ति’ की रहस्यमय मौत के बाद जब रिपोर्ट सामने आई, तो हड़कंप मच गया. राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (NIHSAD), भोपाल से आई रिपोर्ट में बाघिन की मौत का कारण एवियन इन्फ्लूएंजा यानी बर्ड फ्लू (H5N1) पाया गया. इसके साथ ही उसमें ‘वाइब्रियो’ नामक दुर्लभ बैक्टीरियल संक्रमण भी मिला है, जो आमतौर पर समुद्री जीवन में देखा जाता है.

इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य के वन एवं स्वास्थ्य विभाग को तुरंत और व्यापक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. प्रशासन ने न सिर्फ गोरखपुर, बल्कि कानपुर, लखनऊ और इटावा के चिड़ियाघरों तथा इटावा लायन सफारी को भी अगले सात दिनों के लिए बंद कर दिया है. साथ ही राज्य के सभी टाइगर रिजर्व और संरक्षित वन क्षेत्रों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.

BIRD FLU ALERT IN UP- बर्ड फ्लू: एक जानलेवा वायरस

बर्ड फ्लू एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है, जिसे H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा कहा जाता है. यह वायरस मुख्यतः पक्षियों को प्रभावित करता है, लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में यह मनुष्यों और अन्य जानवरों में भी फैल सकता है. यह बीमारी तेज़ी से फैलती है और यदि समय रहते नियंत्रित न किया जाए तो घातक साबित हो सकती है.

भारत में पहले भी बर्ड फ्लू के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन यह पहली बार है जब किसी बाघ की मौत से इसकी पुष्टि हुई है. इससे यह स्पष्ट है कि वायरस अब वन्यजीवों तक भी पहुंच गया है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है.

सतर्कता के निर्देश: चार चिड़ियाघर और एक सफारी बंद

बर्ड फ्लू की पुष्टि होते ही उत्तर प्रदेश सरकार ने तत्काल प्रभाव से लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर के चिड़ियाघर और इटावा लायन सफारी को सात दिनों के लिए बंद कर दिया है. सभी संरक्षित क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सभी टाइगर रिजर्व जैसे दुधवा (लखीमपुर खीरी), पिलीभीत, अमानगढ़ (बिजनौर), रानीपुर (चित्रकूट) और सुहेलवा (बलरामपुर) को हाई अलर्ट पर रखने के निर्देश दिए हैं. कर्मचारियों को प्रतिदिन हर जानवर की गतिविधियों पर नजर रखने और किसी भी असामान्य लक्षण की तुरंत रिपोर्ट करने को कहा गया है.

रोकथाम के उपाय: पीपीई किट, स्क्रीनिंग और निगरानी

सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी कर्मचारियों को पीपीई किट पहनकर ड्यूटी करनी होगी. चिड़ियाघर परिसरों में ब्लो टॉर्चिंग, सैनेटाइजेशन और सभी पक्षियों तथा जानवरों की स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दी गई है.

पोल्ट्री फार्मों की भी सघन निगरानी की जा रही है. पोल्ट्री उत्पादों की आवाजाही पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे वायरस अन्य इलाकों में न फैले. साथ ही स्वास्थ्य विभाग को इंसानों में बर्ड फ्लू के लक्षणों की जांच और रोकथाम के लिए सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं.

चिंता की एक और वजह: बीमार बाघ ‘पटौदी’ की शिफ्टिंग

बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद एक और चिंता की वजह तब सामने आई जब एक बीमार बाघ ‘पटौदी’ को कानपुर चिड़ियाघर में स्थानांतरित किया गया. अधिकारियों को आशंका है कि यदि यह बाघ भी संक्रमित हुआ, तो वहां भी वायरस फैल सकता है. इसलिए कानपुर चिड़ियाघर को भी बंद कर सभी जानवरों की निगरानी शुरू कर दी गई है.

जनता के लिए जरूरी हिदायतें

वन विभाग ने आम जनता से अपील की है कि अगले कुछ दिनों तक वे किसी भी चिड़ियाघर, बर्ड सैंक्चुअरी या टाइगर रिजर्व में न जाएं. यदि उन्हें किसी मृत पक्षी या जानवर की जानकारी मिले तो तुरंत स्थानीय प्रशासन को सूचित करें. अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें.

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SOURCE- BBC HINDI, AAJTAK

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