लखनऊ, अजय शर्मा।उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार, 4 अक्टूबर 2025 को आस्था और भव्यता का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब ऐशबाग रामलीला मैदान से प्रभु श्रीराम की नगर दर्शन शोभायात्रा पूरे राजसी वैभव और दिव्य सजावट के साथ निकाली गई।

यह यात्रा भगवान श्रीराम, माता सीता और भ्राताओं के स्वर्ण रथ पर विराजमान होने के साथ प्रारंभ हुई। यात्रा में ढोल-नगाड़ों, डीजे और बैंड की गूंज के बीच श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। 22 रथों और 10 घोड़ों की यह अलौकिक झांकी जैसे-जैसे आगे बढ़ी, वैसे-वैसे “जय श्रीराम” के उद्घोष से पूरा वातावरण भक्तिमय होता गया।

शहर के हर कोने में आरती, पुष्पवर्षा और भजन-कीर्तन के साथ भगवान श्रीराम के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ आई। यह शोभायात्रा ऐशबाग रामलीला मैदान से आरंभ होकर पीली कॉलोनी, वाटर वर्क्स रोड, कोयला मंडी, यहियागंज, राजा बाजार, सुभाष मार्ग, रकाबगंज, नादन महल रोड होते हुए वर्मा स्टॉप स्थित माता धर्मध्वजा देवी मंदिर तक पहुंची।

रथों की सजावट में सुनहरी झलक और फूलों की सजावट ने हर किसी का मन मोह लिया। तीन बैंड, तीन डीजे और नगाड़ों की थाप पर हाथी, घोड़े और रथ जब आगे बढ़े, तो गलियां ही नहीं, छतें भी श्रद्धालुओं से भर गईं।इस भव्य आयोजन में श्रमिक कॉलोनी जन कल्याण समिति की ओर से प्रभु श्रीराम का स्वागत विशेष रूप से किया गया। समिति अध्यक्ष सतीश चंद्र दुबे, कोषाध्यक्ष राहुल मिश्रा, सचिव संजय सिंह, संरक्षक रमन श्रीवास्तव, और अन्य सदस्यों — ओम स्वरूप, जितेंद्र शर्मा, सुधीर कुमार, नेहा मिश्रा, रमेश चंद्र शुक्ला, श्रवण पाण्डेय, हेमंत कालरा, आदित्य शुक्ला, मनी भैया, अभिषेक तिवारी, कुलबीर सिंह, बृजेश तिवारी, डॉ. जितेंद्र सिंह, विनोद भल्ला आदि ने पूरे श्रद्धाभाव से आरती और पुष्प वर्षा कर भगवान श्रीराम का स्वागत किया।

शोभायात्रा में ऐशबाग श्रीरामलीला समिति के अध्यक्ष हरीशचंद्र अग्रवाल, कोषाध्यक्ष ऋतुराज अग्रवाल, मंत्री शील कुमार अग्रवाल समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। यात्रा के दौरान रामभक्तों का उत्साह चरम पर था — हर ओर से “जय श्रीराम” के नारे गूंज रहे थे।भक्तिभाव से सराबोर माहौल में बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी ने राम नाम की गूंज में खुद को भक्ति में डुबो दिया। रथों पर विराजमान श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की झांकी ने श्रद्धालुओं को ऐसा एहसास कराया मानो स्वयं अयोध्या लखनऊ आ गई हो।रथों की श्रृंखला में भगवान हनुमान, सीता माता और वानर सेना की झांकी भी आकर्षण का केंद्र रही। सड़कों पर जगह-जगह भक्तों ने आरती, नारियल अर्पण और प्रसाद वितरण कर प्रभु श्रीराम का स्वागत किया।

इस शोभायात्रा ने यह संदेश दिया कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम केवल एक धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और नैतिकता के प्रतीक हैं। उनके आदर्श आज भी जन-जन के हृदय में जीवित हैं।कार्यक्रम के समापन पर श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से “राम नाम सत्य है” और “सीताराम जय जय राम” के मंत्रोच्चार किए। आयोजकों के अनुसार, इस बार की नगर दर्शन यात्रा पिछले वर्षों की तुलना में कहीं अधिक भव्य और संगठित रही।
लखनऊ प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया था। शोभायात्रा के दौरान यातायात को नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस और स्वयंसेवक लगातार मार्गदर्शन कर रहे थे।आयोजन के अंत में समिति सदस्यों ने कहा कि यह यात्रा सांस्कृतिक एकता और श्रद्धा का प्रतीक है, जो हर वर्ष लोगों को मर्यादा, प्रेम और सेवा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।