कानपुर नगर: उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर में घाटमपुर तहसील के बेहटा बुजुर्ग गांव में स्थित (Kanpur Jagannath Temple) भगवान जगन्नाथ का प्राचीन मंदिर न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह अपने अनोखे चमत्कार के लिए भी विश्व भर में प्रसिद्ध है। यह मंदिर, जिसे स्थानीय लोग “मानसून मंदिर” भी कहते हैं, हर साल मानसून की सटीक भविष्यवाणी करता है। मंदिर के गुंबद पर लगा एक विशेष पत्थर मानसून के आगमन से 15-20 दिन पहले पानी की बूंदें टपकाने लगता है, जो बारिश की मात्रा और तीव्रता का संकेत देता है। 2025 में इस पत्थर से बूंदें पहले से ही अच्छी मात्रा में गिर रही हैं, जिससे इस साल सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद जताई जा रही है। Kanpur Jagannath Temple
मंदिर का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व- Kanpur Jagannath Temple
कानपुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर अपनी अनूठी संरचना के लिए भी जाना जाता है। यह उड़ीसा के जगन्नाथ मंदिर से भिन्न है और बौद्ध स्तूप की तरह गोल गुंबद वाला है। मंदिर की शिल्पकला नागर शैली में है, और माना जाता है कि इसे 11वीं या 12वीं सदी में बनाया गया था। हालांकि, समय के साथ यह मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसकी मरम्मत स्थानीय जमींदारों द्वारा कराई गई। मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा की काले पत्थर से बनी मूर्तियां स्थापित हैं। हर साल यहां पुरी की तर्ज पर रथ यात्रा निकाली जाती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं।

मंदिर के बाहर मोर का निशान और चक्र बना हुआ है, जो इसे ऐतिहासिक और पुरातात्विक दृष्टि से और भी खास बनाता है। पुरातत्व विभाग के अधीन यह मंदिर अपनी प्राचीनता और रहस्यमयी विशेषताओं के कारण शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र रहा है।
पत्थर की बूंदों का रहस्य- Kanpur Jagannath Temple
मंदिर के गर्भगृह के शिखर पर लगा पत्थर साल भर सूखा रहता है, लेकिन मई के अंत या जून की शुरुआत में, जब चिलचिलाती गर्मी अपने चरम पर होती है, इस पत्थर से पानी की बूंदें टपकने लगती हैं। यह प्रक्रिया मानसून के आगमन से ठीक पहले शुरू होती है और बारिश शुरू होते ही पत्थर पूरी तरह सूख जाता है। मंदिर के पुजारी कुड़हा प्रसाद शुक्ला के अनुसार, बूंदों का आकार और मात्रा मानसून की तीव्रता का संकेत देती है। यदि बूंदें छोटी और कम होती हैं, तो बारिश कमजोर रहती है, और यदि बूंदें बड़ी और अधिक होती हैं, तो अच्छी बारिश की उम्मीद की जा सकती है। Kanpur Jagannath Temple

2025 में पत्थर से बड़ी बूंदें टपक रही हैं, और पुजारी का कहना है कि यह संकेत है कि इस साल मानसून समय पर आएगा और बारिश सामान्य से अधिक होगी। सीएसए कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी भी इस भविष्यवाणी से सहमत हैं। उन्होंने बताया कि 41 डिग्री सेल्सियस की भीषण गर्मी में भी पत्थर से बूंदें टपक रही थीं, जो सामान्य से अधिक वर्षा का संकेत देती हैं। Kanpur Jagannath Temple

वैज्ञानिकों की जिज्ञासा और अनसुलझा रहस्य- Kanpur Jagannath Temple
इस मंदिर के पत्थर के चमत्कार ने देश-विदेश के वैज्ञानिकों को भी हैरान किया है। कई वैज्ञानिक और पुरातत्वविद इस रहस्य को सुलझाने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन अभी तक यह समझ नहीं पाए कि गर्मी के मौसम में पत्थर से पानी की बूंदें कैसे बनती हैं। कुछ का मानना है कि मंदिर की संरचना ऐसी है कि यह वातावरण की नमी को अवशोषित कर बूंदों के रूप में छोड़ती है। हालांकि, यह प्रक्रिया केवल मानसून से पहले क्यों होती है, इसका कोई वैज्ञानिक जवाब नहीं मिला है।
स्थानीय लोग इसे भगवान जगन्नाथ का चमत्कार मानते हैं और इस भविष्यवाणी पर पूरा भरोसा करते हैं। मंदिर के 50-60 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले किसान बूंदों को देखकर अपनी फसलों की बुआई और कटाई की योजना बनाते हैं। वे मानते हैं कि यह मंदिर उनकी खेती और आजीविका का मार्गदर्शक है।
स्थानीय लोगों और किसानों की आस्था- Kanpur Jagannath Temple
बेहटा बुजुर्ग और आसपास के गांवों के लोग इस मंदिर को अपनी आस्था का केंद्र मानते हैं। मई के अंतिम सप्ताह में जब पत्थर से बूंदें टपकने लगती हैं, तो किसान मंदिर में विशेष पूजा-पाठ शुरू कर देते हैं। वे अच्छी फसल और समृद्धि की कामना करते हैं। 2025 में बूंदों की अच्छी मात्रा ने किसानों में उत्साह जगाया है। उनका मानना है कि इस साल फसल की पैदावार बढ़ेगी और खेती को लाभ होगा।
मानसून 2025 की भविष्यवाणी- Kanpur Jagannath Temple
इस साल मंदिर के पत्थर से टपक रही बूंदें स्थानीय लोगों और मौसम विज्ञानियों दोनों के लिए सकारात्मक संकेत दे रही हैं। पुजारी के अनुसार, पत्थर पूरी तरह भीगा हुआ है और बूंदों की गति तेज है, जो 10-15 दिनों में मानसून के आगमन और अच्छी बारिश का संकेत है। मौसम विज्ञानियों ने भी इस साल सामान्य से अधिक वर्षा की भविष्यवाणी की है, जो मंदिर की भविष्यवाणी के साथ मेल खाती है।
मंदिर का पर्यटन और धार्मिक महत्व
यह मंदिर न केवल मानसून की भविष्यवाणी के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल भी है। हर साल रथ यात्रा के दौरान हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। मंदिर की अनूठी संरचना और चमत्कारी पत्थर इसे पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनाते हैं। पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित इस मंदिर का रखरखाव नियमित रूप से किया जाता है, ताकि इसकी प्राचीनता बरकरार रहे।
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सोर्स- TOI