कानपुर देहात। अकबरपुर के ऐतिहासिक रामलीला मेले में इस वर्ष भी राम-रावण युद्ध की लीला पारंपरिक उल्लास के साथ संपन्न हुई। इस भव्य आयोजन को देखने के लिए अकबरपुर नगर और आसपास के ग्रामों से हजारों धर्मअनुरागी लोग अकबरपुर इंटर कॉलेज मैदान में जुटे। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की उपस्थिति ने इस आयोजन के प्रति स्थानीय लोगों की गहरी आस्था को दर्शाया।

बारिश ने डाली बाधा, उत्साह नहीं डिगा
इस वर्ष रामलीला के दिन भारी वर्षा ने आयोजकों की चुनौती बढ़ा दी। सुबह 5 बजे से 11 बजे तक हुई बारिश ने मैदान को कीचड़मय कर दिया और रावण व मेघनाद के पुतलों को देर शाम तक खड़ा करना संभव नहीं हो पाया। इसके बावजूद, भगवान राम की सवारी के मैदान में पहुँचने पर हजारों लोगों की भीड़ उत्साह के साथ उपस्थित रही।

155 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन
इस आयोजन की 155 साल पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए अंत में अत्याचारी रावण के पुतले को आग के हवाले किया गया। पुतला दहन होते ही परिसर “भगवान राम के जयकारों” से गूंज उठा, जिससे दर्शकों का उत्साह चरम पर पहुँच गया।

गणमान्य व्यक्तियों ने की उपस्थिति
इस ऐतिहासिक रामलीला और विजयदशमी उत्सव में राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला, जिलाधिकारी कपिल सिंह, पुलिस अधीक्षक श्रद्धा नरेंद्र पांडेय, पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी, और अन्य गणमान्य अधिकारी एवं नेतागण उपस्थित रहे।

अधिकारियों की मौजूदगी ने आयोजन की गरिमा और महत्ता को और बढ़ाया।इस तरह, अकबरपुर की रामलीला ने वर्षा की चुनौतियों को पार करते हुए परंपरा और आस्था का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।