jhansi farji registry vivad
झांसी, उत्तर प्रदेश। मंगलवार को झांसी कलेक्ट्रेट परिसर उस समय अखाड़े में तब्दील हो गया, जब फर्जी जमीनों की रजिस्ट्री के आरोप में दो पक्ष आपस में भिड़ गए। गाली-गलौज और हाथापाई की सूचना पर तुरंत पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। यह घटना एक बार फिर भूमि विवादों में धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों को उजागर करती है, जिसकी जांच नवाबाद पुलिस कर रही है।
क्या है पूरा मामला jhansi farji registry vivad: कलेक्ट्रेट में भिड़े दो पक्ष, पुलिस कर रही जांच: कलेक्ट्रेट में क्यों भिड़े दो पक्ष?

जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश के ग्राम सिंगररा निवासी विनोद राय किसी निजी कार्य से कलेक्ट्रेट गए थे। उसी दौरान, सुनील साहू भी अपनी जमीन से जुड़े एक पुराने मुकदमे की पैरवी करने के लिए वहां मौजूद थे। दोनों पक्षों का आमना-सामना होते ही उनके बीच कहासुनी शुरू हो गई, जो देखते ही देखते गाली-गलौज और गुत्थम-गुत्थी में बदल गई।
इस अप्रत्याशित घटना से परिसर में हड़कंप मच गया और मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। हंगामे की सूचना मिलते ही नवाबाद थाना पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव कर दोनों पक्षों को शांत कराया और मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें थाने ले आई।
फर्जी रजिस्ट्रियों का गंभीर आरोप
थाने में, दोनों पक्षों से अलग-अलग पूछताछ की गई। इसी दौरान, एक पक्ष सुनील साहू ने विनोद राय पर बेहद गंभीर आरोप लगाए। सुनील साहू ने पुलिस को बताया कि विनोद राय ने उनकी जमीनों की फर्जी रजिस्ट्रियां कराकर उन्हें बेच दिया है। सुनील साहू का यह भी आरोप है कि विपक्षी ने सिर्फ उनकी ही नहीं, बल्कि कई अन्य लोगों की जमीनों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें धोखाधड़ी से बेचा है। इसी जमीन विवाद और धोखाधड़ी के कारण दोनों के बीच कहासुनी और हाथापाई हुई थी।
यह आरोप दर्शाता है कि यह मामला सिर्फ दो व्यक्तियों के बीच का विवाद नहीं है, बल्कि यह एक बड़े और सुनियोजित फर्जीवाड़े का हिस्सा हो सकता है। पुलिस के लिए यह जांचना महत्वपूर्ण होगा कि क्या वास्तव में फर्जी दस्तावेज बनाए गए थे और क्या इस मामले में कोई बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच on jhansi farji registry vivad: कलेक्ट्रेट में भिड़े दो पक्ष, पुलिस कर रही जांच
नवाबाद पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। दोनों पक्षों के बयानों को दर्ज किया जा रहा है और आरोपों की सच्चाई जानने के लिए जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई है। पुलिस को अब संबंधित दस्तावेजों की जांच करनी होगी और जमीन के रिकॉर्ड्स को सत्यापित करना होगा। यह भी पता लगाया जाएगा कि क्या इस तरह की और भी शिकायतें पहले दर्ज की गई हैं।
यह घटना झांसी जैसे शहर में बढ़ते भूमि विवादों और धोखाधड़ी की घटनाओं की ओर ध्यान दिलाती है। इस तरह के मामलों में, पुलिस की निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई न्याय सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह घटना आम जनता के लिए भी एक चेतावनी है कि वे अपनी संपत्ति से संबंधित दस्तावेजों के प्रति अधिक सतर्क रहें और किसी भी संदेहजनक गतिविधि की तुरंत सूचना दें। पुलिस मामले की जांच पूरी करने के बाद ही आगे की कानूनी कार्रवाई करेगी।
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