Mirzapur school wall collapse: प्राथमिक विद्यालय की जर्जर दीवार ढही, दो छात्र घायल, एक की हालत गंभीर

Mirzapur school wall collapse

मिर्जापुर | संवाददाता विशेष
Mirzapur school wall collapse: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के विंध्याचल थाना क्षेत्र अंतर्गत अरंगी सरपति प्राथमिक विद्यालय में सोमवार सुबह एक जर्जर दीवार गिरने से दो छात्र घायल हो गए। हादसा उस समय हुआ जब छात्र सुबह स्कूल में प्रवेश कर रहे थे। घटना में छह वर्षीय छात्र अंश को गंभीर चोटें आईं हैं और उसे मंडलीय अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।

Mirzapur school wall collapse

घटना स्थल पर मचा हड़कंप

घटना छानबे ब्लॉक के अरंगी सरपति प्राथमिक विद्यालय की है। विद्यालय के मुख्य द्वार के पास स्थित दीवार लंबे समय से जर्जर अवस्था में थी। सोमवार सुबह जैसे ही स्कूल खुला और छात्र-छात्राएं प्रवेश करने लगे, उसी वक्त दीवार ढह गई। इसकी चपेट में दो छात्र आ गए, जिनमें एक की हालत गंभीर बताई जा रही है।

गंभीर रूप से घायल छात्र का इलाज जारी

घायल छात्रों में से एक, 6 वर्षीय अंश, को सिर पर गहरी चोट और पैर में फ्रैक्चर हुआ है। उसे तत्काल मंडलीय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों की देखरेख में उसका इलाज चल रहा है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुनील सिंह ने पुष्टि करते हुए कहा कि “छात्र की हालत स्थिर है लेकिन सिर और पैर में गंभीर चोटें आई हैं।”

Mirzapur school wall collapse

परिजनों में आक्रोश

घटना के बाद अंश के परिजनों ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया। उनका कहना है कि स्कूल की दीवार लंबे समय से झुकी हुई थी और कई बार इसकी शिकायत ग्राम प्रधान व स्कूल प्रशासन से की गई थी। मगर बजट न होने का हवाला देकर कार्य को टाल दिया गया। परिजनों का आरोप है कि समय रहते मरम्मत कर दी जाती तो यह दुर्घटना रोकी जा सकती थी।

बीएसए ने जांच के आदेश दिए

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अनिल कुमार वर्मा ने फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि—

“घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। एक टीम का गठन कर जांच के आदेश दिए गए हैं। दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

करोड़ों खर्च फिर भी लचर इन्फ्रास्ट्रक्चर?

सरकार द्वारा स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के बावजूद कई प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति जर्जर बनी हुई है। इस घटना ने शासन और प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है। यदि समय रहते आवश्यक मरम्मत कराई गई होती तो मासूम छात्र को गंभीर चोटों का सामना नहीं करना पड़ता।

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