Ghazipur Case: गाजीपुर से बड़ी खबर। पुलिस की पिटाई से भाजपा कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय की मौत के बाद अफसर मामले पर बचाव में लगे थे, लेकिन अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त नाराजगी के बाद कार्रवाई का रुख बदल गया।
घटना के बाद दिनभर पुलिस अफसर अपनी गलती छुपाने में जुटे रहे, लेकिन जब वाराणसी में मौजूद मुख्यमंत्री को घटना की जानकारी और पुलिस अधीक्षक के बयान का वीडियो मिला तो उन्होंने तुरंत नाराजगी जताई।मुख्यमंत्री ने डीजीपी से मामले की जानकारी ली और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने धड़ाधड़ कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष समेत 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित और लाइनहाजिर कर दिया।
गाजीपुर ,रूकुंडीपुर के नोनाहरा थाना परिसर में शांतिपूर्वक धरना दे रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस लाठीचार्ज के दौरान भाजपा कार्यकर्ता श्री सीताराम उपाध्याय की मृत्यु हो गई।bjp जनता की आवाज़ कुचल रही है और अपने ही कार्यकर्ताओं की भी सुध नहीं ले रही।#Ghazipur #AjayRai #BJPExposed pic.twitter.com/vCARBydmwS
— M.H.Ansari. (@hai_mahmoodul) September 12, 2025
गाजीपुर जिले में यह घटना पुलिस की कार्यशैली और प्रशासनिक जवाबदेही पर सवाल खड़े करती है।शाम को प्रधानमंत्री को विदा करने के बाद मुख्यमंत्री को गाजीपुर में भाजपा कार्यकर्ता की मौत की जानकारी दी गई। सीएम ने एसपी डा.ईरज राजा के उस बयान का वीडियो भी सुना, जिसमें उन्होंने कहा था कि लाइट कटने से अफरा तफरी मच गई। यह मामला पुलिस का नहीं बिजली विभाग का था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने डीजीपी से पूरे घटना की रिपोर्ट मांगी।

डीजीपी ने डीआइजी वैभव कृष्णा को मौके पर भेजा। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने वीडियो सुनने के बाद पुलिस अधिकारियों की भूमिका को लेकर काफी नाराजगी जताई। साथ ही इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई के आदेश डीपीजी को दिए। कहा कि कार्यकर्ताओं के साथ ऐसी घिनौनी हरकत करने वालों दंडित किया जाए। अब देखना यह होगा कि क्या इस कार्रवाई से पुलिस में सुधार आएगा और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकेगा।