FARRUKHABAD MINING BAN: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में प्रशासन ने गंगा और अन्य नदियों में हो रहे खनन कार्यों पर पूर्ण रोक लगा दी है। यह प्रतिबंध 1 जुलाई से 30 सितंबर 2025 तक प्रभावी रहेगा। ADM अरुण कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि इस अवधि में किसी भी प्रकार का खनन अवैध माना जाएगा और ऐसा करने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
खनन पर पूर्ण रोक की घोषणा– FARRUKHABAD MINING BAN
ADM ने बताया कि वर्तमान में जिले में तीन खनन पट्टे और दो भंडारण पट्टे सक्रिय हैं। लेकिन अब सभी प्रकार की खनन गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है। इसके साथ ही खनन टास्क फोर्स टीम का गठन कर दिया गया है, जो जिलेभर में अवैध खनन की निगरानी करेगी। FARRUKHABAD MINING BAN

टास्क फोर्स की जिम्मेदारी और संरचना
खनन रोकने के उद्देश्य से गठित टास्क फोर्स में शामिल किए गए हैं:-
- खनन अधिकारी
- एआरटीओ (प्रवर्तन)
- सभी एसडीएम और सीओ
- पुलिस और प्रशासन के अन्य अधिकारी
इन सभी को उनके-अपने क्षेत्रों में अवैध खनन को रोकने की प्रत्यक्ष जिम्मेदारी सौंपी गई है। ADM ने कहा कि “यदि कहीं से भी खनन की शिकायत मिलती है, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।”

ADM ने दी सख्त चेतावनी– FARRUKHABAD MINING BAN
ADM अरुण कुमार सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि खनन पट्टेदार या भंडार पट्टेदार यदि किसी भी रूप में खनन करते पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ प्रशासनिक, आर्थिक और कानूनी कार्यवाही की जाएगी। यह आदेश पर्यावरण संरक्षण और नदी संरक्षण के लिए बेहद जरूरी है।
पर्यावरणीय दृष्टिकोण से निर्णय जरूरी– FARRUKHABAD MINING BAN
गंगा और अन्य नदियों में लगातार हो रहे खनन कार्यों से न केवल नदी की गहराई और प्रवाह पर असर पड़ रहा था, बल्कि स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र भी प्रभावित हो रहा था। यही वजह है कि शासन स्तर पर जुलाई से सितंबर तक खनन पर रोक का निर्णय लिया गया है।

भविष्य में लगातार निगरानी
ADM ने बताया कि भविष्य में भी अवैध खनन को रोकने के लिए ड्रोन सर्विलांस, चेकिंग अभियान, और स्थानीय पुलिस की मदद से गश्त बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही आम नागरिकों से भी अपील की गई है कि यदि उन्हें कहीं खनन होता दिखाई दे, तो तुरंत प्रशासन को सूचना दें।