Etawah Heatwave: उत्तर भारत में इस समय भीषण गर्मी का प्रकोप छाया हुआ है, और उत्तर प्रदेश का इटावा जिला इससे अछूता नहीं है। जून के महीने ने जैसे ही दस्तक दी है, तपिश और लू के थपेड़ों ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इटावा में सुबह 11:00 बजे से ही गर्म हवाएं चलने लगती हैं और दोपहर तक सूरज की किरणें सीधे सिर पर आग बरसाने लगती हैं। Etawah Heatwave
यहां इन दिनों अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है, जिससे हालात बेहद खराब हो गए हैं। सुबह की हल्की ठंडक अब कुछ ही घंटों में गर्म हवाओं में तब्दील हो जाती है और दोपहर में स्थिति इतनी विकट हो जाती है कि लोग घरों से बाहर निकलने से भी डरने लगे हैं। Etawah Heatwave
सड़कों पर सन्नाटा- Etawah Heatwave
तेज़ धूप और झुलसाने वाली लू के कारण दोपहर 12 बजे के बाद सड़कों पर सन्नाटा छा जाता है, जो भी लोग बाहर निकलते हैं, वे गमछा, टोपी या छाता लेकर ही निकलते हैं। वाहनों की आवाजाही भी दोपहर में कम हो जाती है।
दोपहर के समय केवल जरूरी कार्यों के लिए ही लोग घर से बाहर निकलते हैं और वह भी जल्द से जल्द वापस लौटने की कोशिश करते हैं। कई सरकारी व निजी कार्यालयों में उपस्थिति पर भी गर्मी का प्रभाव देखा जा रहा है।
ठंडे पेय बने राहत का सहारा– Etawah Heatwave
गर्मी से राहत पाने के लिए लोग शिकंजी, गन्ने के रस, बेल का शरबत, और लस्सी का सहारा ले रहे हैं। इटावा की सड़कों पर लगे गन्ने के रस और शिकंजी के ठेले इन दिनों काफी व्यस्त नजर आ रहे हैं।
स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, वैसे-वैसे ग्राहकों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। कई दुकानों पर दोपहर में लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं। ये पेय न केवल राहत देते हैं, बल्कि शरीर को हाइड्रेटेड भी रखते हैं।
स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी– Etawah Heatwave
इटावा स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक धूप में बाहर न निकलने की सलाह दी है। डॉक्टरों के मुताबिक, लू लगने से डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक, उल्टी, सिरदर्द और बुखार जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
स्वास्थ्य विभाग की सलाह:
- अधिक मात्रा में पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें।
- हल्के, ढीले और सूती कपड़े पहनें।
- धूप में सिर को ढककर निकलें।
- बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
गांवों में भी गर्मी का कहर
इटावा के ग्रामीण इलाकों में भी हालात कुछ बेहतर नहीं हैं। किसान सुबह जल्दी खेतों में पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं ताकि दोपहर की लू से बचा जा सके। पशुओं के लिए पानी और छांव की व्यवस्था की जा रही है।
गांवों में कूलर और पंखे की सुविधा कम होने के कारण लोग पेड़ों की छांव में बैठकर गर्मी से बचने की कोशिश करते हैं।
शाम को हल्की राहत
शाम ढलते-ढलते कुछ राहत महसूस होती है। बाजारों में थोड़ी हलचल शुरू होती है और लोग खरीदारी के लिए बाहर निकलने लगते हैं। ठंडी हवा का एक झोंका लोगों को थोड़ा सुकून देता है, लेकिन रात में भी गर्मी पूरी तरह से कम नहीं होती।
सोर्स- ACCUWEATHER