Etawah Bird Flu: इटावा सफारी पार्क में बर्ड फ्लू का अलर्ट, कर्मचारियों की जांच को लगाया गया मेडिकल कैंप

Etawah Bird Flu

इटावा: बढ़ते बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) के मामलों को लेकर सतर्क इटावा सफारी पार्क प्रशासन ने (Etawah Bird Flu) संक्रमण से निपटने के लिए बड़ा कदम उठाया है. शुक्रवार को भारत सरकार के निर्देशों पर सफारी पार्क में एक विशेष चिकित्सा शिविर लगाया गया, जिसमें कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच की गई. यह शिविर डॉ. भीमराव अंबेडकर जिला संयुक्त चिकित्सालय के सहयोग से आयोजित हुआ, जिसमें सफारी के 60 से अधिक कर्मचारियों के स्वास्थ्य नमूने लिए गए.

संक्रमण की रोकथाम के लिए सख्ती- Etawah Bird Flu

वन विभाग और सफारी प्रबंधन ने मिलकर पार्क में सख्त निगरानी और स्वच्छता उपाय लागू किए हैं. इसमें निम्नलिखित प्रमुख कदम शामिल हैं: Etawah Bird Flu

  • नियमित सैनिटाइजेशन: पार्क के विभिन्न क्षेत्रों और जानवरों के बाड़ों की निरंतर सफाई व कीटाणुशोधन किया जा रहा है.
  • कर्मचारियों की जांच: हर कर्मचारी की नियमित जांच हो रही है और लक्षण पाए जाने पर उन्हें वन्यजीवों के संपर्क से दूर रखा जा रहा है.
  • गहन निगरानी: पशुओं और पक्षियों की सेहत पर वन अधिकारियों की विशेष नजर बनी हुई है.

क्या है एवियन इन्फ्लूएंजा?

एवियन इन्फ्लूएंजा एक संक्रामक वायरस जनित रोग है, जो मुख्य रूप से पक्षियों में फैलता है लेकिन दुर्लभ मामलों में मनुष्यों और अन्य जानवरों में भी संचारित हो सकता है. इसके प्रमुख लक्षणों में बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ और गंभीर मामलों में निमोनिया शामिल हैं.

डॉक्टरों का कहना है कि समय रहते जांच और संक्रमण से दूरी रखने से इस वायरस से बचा जा सकता है. इसीलिए, नमूनों की रिपोर्ट आने तक सभी कर्मचारियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है. Etawah Bird Flu

आगंतुकों से अपील

सफारी प्रशासन ने आम नागरिकों और आगंतुकों से अनुरोध किया है कि वे सफारी पार्क में भ्रमण के दौरान सभी स्वास्थ्य नियमों का पालन करें और किसी भी असामान्य लक्षण की स्थिति में तुरंत वन्यजीव अधिकारियों को जानकारी दें.

इटावा सफारी पार्क की यह पहल न केवल कर्मचारियों बल्कि पशु-पक्षियों और आगंतुकों की सुरक्षा की दिशा में एक सकारात्मक कदम है. अगर समय रहते सतर्कता बरती जाए, तो इस खतरनाक संक्रमण से प्रभावी रूप से बचा जा सकता है. Etawah Bird Flu

व्यक्तिगत सुरक्षा के उपाय:

  1. कच्चे पोल्ट्री उत्पादों से दूरी:
    अधपके या कच्चे अंडे व चिकन का सेवन न करें. पूरी तरह पकाकर ही खाएं.
  2. साफ-सफाई बनाए रखें:
    हाथों को साबुन से नियमित धोएं, खासकर पक्षियों के संपर्क में आने के बाद.
  3. बीमार पक्षियों से दूरी:
    किसी भी बीमार या मरे हुए पक्षी के पास न जाएं. यदि दिखाई दें तो स्थानीय प्रशासन को सूचित करें.
  4. मास्क और दस्ताने का उपयोग:
    पोल्ट्री फार्म या पक्षियों के आसपास जाते समय मास्क व दस्ताने पहनें.

🧹 घर और आसपास की साफ-सफाई:

  1. पक्षियों के पिंजरे या क्षेत्र की नियमित सफाई करें.
  2. कचरा ढककर रखें, ताकि पक्षियों को भोजन न मिले.

🚫 क्या न करें:

बीमार पक्षियों को छूने से बचें.

  • खुले में पोल्ट्री उत्पाद न काटें या बेचें.
  • बिना सुरक्षा उपकरण के पोल्ट्री शेड में प्रवेश न करें.

🏥 लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

मुख्य लक्षण:

  • बुखार
  • गले में खराश
  • खांसी
  • सांस लेने में कठिनाई
  • शरीर में दर्द

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सोर्स- Mayo Clinic

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