Etah Jain Idol discovery: एटा जनपद के रिजोर गांव में जल निगम द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य के दौरान एक दुर्लभ प्राचीन जैन मूर्ति मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया। जून माह में ग्राम समाज की भूमि गाटा संख्या 479 ख पर ओवरहेड टैंक निर्माण के लिए की जा रही खुदाई में यह मूर्ति मजदूरों को मिली। मूर्ति मिलने के बाद जैन और बौद्ध समुदायों में स्वामित्व को लेकर विवाद की स्थिति पैदा हो गई।
22 जून को कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से इस मूर्ति को रिजोर थाना परिसर में सुरक्षित रखा गया था। इसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) आगरा सर्किल की टीम ने स्थल का निरीक्षण किया और पुष्टि की कि यह मूर्ति जैन धर्म से संबंधित है तथा यह 10वीं से 11वीं शताब्दी ईस्वी की है। यह प्रतिमा अब “पुरावशेष” की श्रेणी में आती है।

ASI की अधीक्षक पुरातत्वविद डॉ. स्मिता एस. कुमार को मूर्ति सौंप दी गई है, जो अब इसका संरक्षण करेंगी और ऐतिहासिक संदर्भ में इसका उपयोग सुनिश्चित करेंगी। Etah Jain Idol discovery
जिला मजिस्ट्रेट प्रेम रंजन सिंह ने स्पष्ट किया कि मूर्ति ग्राम समाज की भूमि से प्राप्त हुई है, अतः किसी व्यक्ति द्वारा इसका निजी स्वामित्व दावा मान्य नहीं होगा। मूर्ति का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है, जिससे इस क्षेत्र की प्राचीन विरासत का नया अध्याय जुड़ गया है।