Bareilly Tazia fire: मोहर्रम के अवसर पर जहां पूरे देश में अमन और शांति के साथ ताजिया जुलूस निकाले जा रहे थे, वहीं उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के फरीदपुर क्षेत्र के गौसगंज गांव में एक बड़ी प्रशासनिक लापरवाही सामने आई। प्रशासन की ओर से सत्यापन के दौरान ताजिया की ऊंचाई को जानबूझकर कम दर्शाया गया, जिसका खामियाजा समुदाय को आगजनी और तनाव के रूप में भुगतना पड़ा।
25 फीट ताजिया ने पकड़ी आग, मचा हड़कंप
ग्राम गौसगंज में निकाले जा रहे ताजिया जुलूस में शामिल एक ताजिया, जिसकी वास्तविक ऊंचाई 25 फीट थी, वह बिजली के हाई टेंशन तार से टकरा गया। टकराते ही उसमें आग लग गई और कुछ ही क्षणों में वह पूरी तरह जलने लगा। आग की चपेट में ताजिए की झोपड़ी भी आ गई, जिससे भीड़ में अफरातफरी मच गई और भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई।
स्थानीय लोगों और आयोजकों ने तुरंत स्थिति को नियंत्रित करते हुए ताजिया को गौसगंज सराय से हाईवे मार्ग होते हुए कर्बला तक ले जाकर दफनाया, लेकिन तब तक इलाके में तनाव फैल चुका था।

सत्यापन रिपोर्ट में खेल, अधिकारी निलंबित
इस घटना की जांच में बड़ा खुलासा हुआ कि संबंधित ताजिया की ऊंचाई वास्तविक रूप से 25 फीट थी, जबकि पुलिस के सत्यापन प्रपत्र में इसे मात्र 10 फीट दर्शाया गया था। यह फर्जी जानकारी किसी हादसे की बड़ी वजह बन सकती थी।
जांच में यह पाया गया कि थाना फरीदपुर के उपनिरीक्षक अशोक कुमार ने जानबूझकर सत्यापन रिपोर्ट में गलत आंकड़ा लिखा था। इस भारी लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
स्थानीय लोगों का गुस्सा, प्रशासन की किरकिरी
स्थानीय नागरिकों और ताजियेदारों का कहना है कि मोहर्रम जैसे संवेदनशील त्योहार में प्रशासन से सावधानी और पारदर्शिता की उम्मीद होती है। अगर आग लगने से कोई बड़ा हादसा हो जाता, तो सांप्रदायिक तनाव फैल सकता था।
घटना के बाद जिला प्रशासन और पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। लोगों का कहना है कि अगर बिजली विभाग और पुलिस दोनों विभागों ने सही डाटा पर काम किया होता, तो यह घटना रोकी जा सकती थी।
प्रशासन ने दिए सख्त निर्देश
वरिष्ठ अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारियों ने ताजियेदारों से भी अपील की है कि वे भी बिना सत्यापन और प्रशासनिक अनुमति के मानक से बड़ा ताजिया न निकालें। सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि त्योहारों के समय निरीक्षण और रिपोर्टिंग में पूरी ईमानदारी बरती जाए।