बरेली बवाल के बाद मौलाना तौकीर रजा की मुश्किलें बढ़ीं, चार थानों में दर्ज FIR

बरेली बवाल के बाद मौलाना तौकीर रजा की मुश्किलें बढ़ीं, चार थानों में दर्ज FIR

बरेली। उपद्रव के बाद शहर के चार थानों में मौलाना तौकीर रजा समेत सैकड़ों अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी पंजीकृत की गई है। यह प्राथमिकी पुलिस की ओर से दर्ज कराई जा रही हैं।बारादरी थाने में दो मुकदमे पंजीकृत किए गए हैं। पहले मुकदमे में पुलिस ने 28 लोगों को नामजद करते हुए, ढाई सौ अज्ञात लोगों को शामिल किया है।

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इसी के साथ दूसरे मुकदमे में करीब 18 लोगों को नामजद करते हुए बाकी डेढ़ सौ अज्ञात लोगों को शामिल किया है।

बारादरी में इनके खिलाफ केस

बारादरी में लिखे गए मुकदमे में नदीम, अनीस सकलैनी, साजिद सकलैनी, तहमीन, वसीम तहसीनी, अजीम, अदनान, मोईन सिद्दीकी, फैजुल्ला नबी, कलीम खान, मोबीन, नायाब उर्फ निम्मा, बबलू खां, दाउद खा, अमन, अजमल रफी, फैजान, सामनान, सम्मू खान, अरशद अली, मुस्तफा नूरी, नौशाद खान मुनीमिया मोहम्मद आकिब, मुन्ना, सलाउद्दीन, यूनुस, आशु आदि को नामजद किया गया है।

मौलाना तौकीर रजा को भी किया नामजद

इसी तरह से दूसरे मुकदमे में भी 18 लोगों को नामजद किया गया है। पुलिस के मुताबिक अभी तक कोतवाली, बारादरी, प्रेमनगर और किला थाने में भी मुकदमे लिखे गए हैं जिसमें मौलाना तौकीर रजा को भी नामजद किया गया है। 

एक घंटे से डटे थे प्रदर्शनकारी, एसएसपी के लाठी उठाते ही दौड़े

कोतवाली क्षेत्र में लाठी चार्ज के बाद श्यामगंज में उपद्रवियों ने उपद्रव का किया प्रयास – पुलिस ने काफी देर समझाया मगर नहीं माने उपद्रवी, जब हुआ लाठीचार्ज तो भागे जागरण संवाददाता, बरेली : कोतवाली क्षेत्र में बवाल लाठीचार्ज के बाद श्यामगंज में भी उपद्रवियों की भीड़ जुटना शुरू हो गई। मौके पर पहुंची बारादरी पुलिस व अधिकारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन उपद्रवी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। इसी बीच जब एसएसपी को सूचना मिली तो वह भी श्यामगंज में मोर्चा संभालने पहुंच गए।

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एसएसपी के हाथ में लाठी देखते ही भीड़ में से आया फायर 

एसएसपी के हाथ में लाठी देखते ही भीड़ में से किसी ने फायर किया तो पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। चंद मिनट में ही पूरा श्यामगंज खाली हो गया। गनीमत रही कि गोली किसी को लगी नहीं। श्यामगंज में करीब एक घंटे से उपद्रवी डेरा जमाए खडे थे।सीओ तृतीय समेत अन्य अधिकारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया मगर कोई मानने को तैयार नहीं था। पुलिस ने रस्सा खींचकर भीड़ को रोका था, लेकिन सभी इस्लामियां ग्राउंड में जाने की होड़ में थे।

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