🌟 गांव की बेटी, देश का गौरव
बाराबंकी- बाराबंकी के सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के डलई का पुरवा गांव की पूजा पाल, आज देशभर में एक बाल वैज्ञानिक के रूप में जानी जा रही हैं। इंटरमीडिएट की छात्रा पूजा ने एक ऐसा इनोवेटिव मॉडल तैयार किया, जिसे देख कर विज्ञान के जानकार भी हैरान रह गए। उन्होंने ‘धूल रहित थ्रैशर’ नामक एक कृषि यंत्र का मॉडल तैयार किया जो खेतों में फसल की मड़ाई के दौरान उड़ने वाली धूल को रोकने में सक्षम है। यह मॉडल किसानों की सेहत और पर्यावरण दोनों की रक्षा करने वाला साबित हो सकता है।
जापान से लौट कर साझा किए अनुभव बाराबंकी की बिटिया पूजा पाल बनी मिसाल
पूजा हाल ही में भारत सरकार के सहयोग से 7 दिन की जापान यात्रा से लौटी हैं। इस शैक्षिक भ्रमण में उन्होंने जापानी छात्रों और वैज्ञानिकों से संवाद किया। उन्होंने बताया—“जापान की अनुशासित यातायात व्यवस्था देखकर मैं प्रभावित हुई। हमारे देश को भी इस दिशा में काम करने की ज़रूरत है। टेक्नोलॉजी के मामले में भारत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।”

अब मॉडल को दिलाएंगी पेटेंट बाराबंकी की बिटिया पूजा पाल बनी मिसाल
पूजा के गाइड टीचर राजू श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि पूजा अब अपने मॉडल को पेटेंट कराने की तैयारी कर रही हैं, ताकि यह तकनीक किसानों के लिए व्यावहारिक रूप से उपलब्ध हो सके।
🏡 सफलता के बीच संघर्ष बाराबंकी की बिटिया पूजा पाल बनी मिसाल
पूजा के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है। गांव में आज भी बिजली, इंटरनेट और अन्य मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है। पूजा के माता-पिता ने सरकार से मदद की अपील की है ताकि उनकी बेटी की पढ़ाई में कोई बाधा न आए।
🧠 बचपन से ही नवाचार में रुचि बाराबंकी की बिटिया पूजा पाल बनी मिसाल
पूजा जब 8वीं कक्षा में थीं, तब उन्होंने यह मॉडल तैयार करना शुरू किया था। धूल रहित थ्रैशर बनाने की प्रेरणा उन्हें खेतों में काम कर रहे किसानों को देख कर मिली, जिन्हें अक्सर सांस की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। बाराबंकी की बिटिया पूजा पाल बनी मिसाल