रिपोर्टर अमित शर्मा उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के बिधूना कस्बे में पुलिस और आम नागरिक के बीच विवाद का एक नया मामला सामने आया है। कुदरकोट मोहल्ला होरी निवासी लवकुश कश्यप ने स्थानीय पुलिस के दरोगा रामबाबू पर मारपीट और धमकी देने का गंभीर आरोप लगाया है।
लवकुश कश्यप का कहना है कि दरोगा ने उन्हें बिना किसी कारण के थप्पड़ मारे, गालियां दीं और यह तक धमकी दी कि यदि उन्होंने विरोध किया, तो उन्हें फर्जी मुकदमे में फंसा दिया जाएगा। उनका दावा है कि दरोगा की पिटाई और उठाकर पटकने के कारण उनके सिर और चेहरे पर गंभीर चोटें आई हैं।
लवकुश ने बताया कि वह कस्बे में चल रही एक कमेटी के सदस्य हैं, जहां रामलीला कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा था। आरोप है कि दरोगा ने उनसे पूछा कि वह कमेटी में क्यों जाते हैं, और इसी बात को लेकर दोनों के बीच बहस हो गई। इसके बाद कथित रूप से दरोगा ने उन्हें पीट दिया।

पीड़ित लवकुश ने बताया कि घटना के बाद उन्होंने अधिकारियों से शिकायत की है और दरोगा रामबाबू के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो वह उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाएंगे।
वहीं, दरोगा रामबाबू ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि उस वक्त कस्बे में रामलीला कार्यक्रम चल रहा था, और वहां कलाकारों के तैयार होने वाले स्थान पर भीड़ जमा हो गई थी। कमेटी की ओर से मिली शिकायत पर वह वहां पहुंचे थे ताकि भीड़ को हटाया जा सके।दरोगा के अनुसार, “मैंने किसी को नहीं मारा। जब भीड़ हटाई जा रही थी, उसी दौरान लवकुश कश्यप भागते समय फिसलकर गिर गए, जिससे उन्हें चोटें आईं।” उन्होंने कहा कि उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप झूठे और निराधार हैं।

इस विवाद के बाद क्षेत्र में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि मामला सही है, तो जांच निष्पक्ष तरीके से की जानी चाहिए ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके। वहीं, कुछ लोग इसे व्यक्तिगत विवाद बताकर तूल न देने की बात कह रहे हैं।