Bhim Army president Auraiya visit: भीम आर्मी जय भीम के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत नौटियाल ने शनिवार को औरैया का दौरा किया और यहां प्रेस को संबोधित करते हुए जातिगत भेदभाव, धार्मिक संरचनाओं में असमानता और इटावा में हुए विवादास्पद घटनाक्रम पर कड़ी टिप्पणी की।
उन्होंने विशेष तौर पर बिहार में बौद्ध मठ के संचालन पर सवाल उठाते हुए कहा कि मठ में केवल बौद्ध धर्म को मानने वालों को ही स्थान मिलना चाहिए। अन्य धर्म या समुदाय के लोगों का वहाँ रहना बौद्ध धर्म के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
“मठ में समान विचारधारा वाले ही रहें” – नौटियाल
मंजीत नौटियाल ने बौद्ध मठों को लेकर चिंता जताई और कहा कि यह स्थल बौद्ध संस्कृति और आस्था का प्रतीक हैं, अतः वहां बौद्ध अनुयायियों को ही प्राथमिकता दी जानी चाहिए। अन्य धर्मों या समाज के लोगों की मौजूदगी से बौद्ध मूल्यों में विचलन हो सकता है।
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— NATION NOW समाचार (@nnstvlive) July 7, 2025
इटावा की घटना पर कहा – “बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण घटना”
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इटावा में कथा वाचकों के साथ हुए जातिगत भेदभाव की घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उनका कहना था –
“आप किसी ब्राह्मण या पुजारी की जन्मजात जाति के आधार पर तुलना नहीं कर सकते। यह सरासर गलत है। ज्ञान किसी जाति या धर्म की बपौती नहीं होती। ज्ञानी किसी भी जाति या पृष्ठभूमि से आ सकता है।”
उन्होंने आगे कहा कि जो लोग सनातन धर्म की मूल पहचान – समानता और समावेश को नष्ट करना चाहते हैं, वे समाज को पीछे ले जा रहे हैं।

“भीम आर्मी का संघर्ष जारी रहेगा”
मंजीत नौटियाल ने यह भी दोहराया कि भीम आर्मी जय भीम जातिगत अन्याय और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि वे देश के कोने-कोने में जाकर संविधान और समानता की भावना को मजबूत करने के लिए लोगों को जागरूक करते रहेंगे।
संदेश स्पष्ट – सम्मान और समानता
नौटियाल के शब्दों में यह स्पष्ट था कि समाज में यदि आज भी जाति के नाम पर उपेक्षा और भेदभाव होता है, तो यह भारत के संवैधानिक मूल्यों पर चोट है। उन्होंने सभी समुदायों से आपसी भाईचारा और सौहार्द बनाए रखने की अपील की।