Chinnaswamy Stadium Stampede: RCB विक्ट्री परेड में भगदड़ से 11 की मौत, प्रशासन की व्यवस्था पर उठे सवाल

Chinnaswamy Stadium Stampede

नई दिल्ली: 4 जून 2025 की शाम बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के गेट नंबर एक पर मची भगदड़ (Chinnaswamy Stadium Stampede) में 11 लोगों की जान चली गई और 33 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। यह हादसा उस समय हुआ जब RCB की टीम कर्नाटक विधानसभा भवन में सम्मान समारोह में हिस्सा ले रही थी। इस त्रासदी ने न केवल बेंगलुरु को झकझोर दिया, बल्कि कई सवाल भी खड़े कर दिए। आखिर इस भगदड़ का जिम्मेदार कौन है? क्या इस हादसे को रोका जा सकता था? आइए, इस हादसे की तह तक जाते हैं और उन कारणों को समझते हैं, जिन्होंने एक खुशी के मौके को मातम में बदल दिया। Chinnaswamy Stadium Stampede

क्या हुआ उस दिन?

3 जून 2025 को RCB ने IPL 2025 का खिताब जीतकर 18 साल के लंबे इंतजार को खत्म किया। बेंगलुरु में इस जीत का जश्न मनाने के लिए प्रशंसकों का उत्साह चरम पर था। RCB मैनेजमेंट ने 4 जून की सुबह अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर एक विक्ट्री परेड की घोषणा की, जो विधानसभा भवन से चिन्नास्वामी स्टेडियम तक जानी थी। दोपहर 3:15 बजे, उन्होंने एक्स पर परेड के टिकटों का विज्ञापन भी पोस्ट किया। Chinnaswamy Stadium Stampede

लेकिन इस घोषणा के साथ ही भ्रम की स्थिति शुरू हो गई। बेंगलुरु पुलिस ने दावा किया कि कोई ओपन-टॉप बस परेड नहीं होगी, बल्कि स्टेडियम के अंदर एक समारोह आयोजित किया जाएगा। फिर भी, लाखों प्रशंसक परेड की उम्मीद में स्टेडियम के आसपास जमा होने लगे। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बाद में बताया कि स्टेडियम के बाहर 2-3 लाख लोग जमा थे, जबकि इसकी क्षमता केवल 35-40 हजार है। Chinnaswamy Stadium Stampede

शाम को, जब RCB की टीम विधानसभा में सम्मान समारोह में व्यस्त थी, चिन्नास्वामी स्टेडियम के गेट नंबर एक पर भीड़ बेकाबू हो गई। प्रशंसक बिना टिकट के स्टेडियम में घुसने की कोशिश करने लगे। इस दौरान एक अस्थायी संरचना भीड़ के दबाव में ढह गई, जिससे भगदड़ मच गई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया, जिसने हालात को और बिगाड़ दिया। Chinnaswamy Stadium Stampede

लापरवाही के कई चेहरे

इस हादसे ने पुलिस, प्रशासन, RCB मैनेजमेंट, और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) की तैयारियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। आइए, इनकी भूमिका को समझते हैं:-

  1. पुलिस की नाकामी:
    बेंगलुरु सेंट्रल के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (DCP) शेखर एच. टेकान्नवर पर भीड़ प्रबंधन, ट्रैफिक नियंत्रण, और रूट प्लानिंग की जिम्मेदारी थी। लेकिन, पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या परेड को अनुमति दी गई थी। अगर अनुमति थी, तो इतनी बड़ी भीड़ को संभालने की क्या व्यवस्था थी? और अगर अनुमति नहीं थी, तो यह जानकारी प्रशंसकों तक क्यों नहीं पहुंचाई गई? स्टेडियम के आसपास पर्याप्त पुलिस बल तैनात नहीं था। न ही बैरिकेडिंग की गई और न ही ड्रोन या CCTV का उपयोग किया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिससे भगदड़ और बिगड़ गई।
  2. RCB मैनेजमेंट की गलती:
    RCB ने सुबह परेड की घोषणा की, लेकिन दोपहर तक यह साफ नहीं हुआ कि परेड होगी या नहीं। उनके सोशल मीडिया पोस्ट्स ने प्रशंसकों में उत्साह तो बढ़ाया, लेकिन भ्रम भी पैदा किया। अगर परेड रद्द हो चुकी थी, तो इसकी जानकारी समय पर क्यों नहीं दी गई? RCB ने बाद में हादसे पर दुख जताया, लेकिन उनकी खराब योजना ने इस त्रासदी को जन्म देने में अहम भूमिका निभाई।
  3. प्रशासन और KSCA की चूक:
    कर्नाटक सरकार और KSCA ने इस आयोजन को भव्य बनाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ प्रबंधन पर ध्यान नहीं दिया। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी। लेकिन, RCB की जीत के बाद शहर में फैली दीवानगी को देखते हुए क्या इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता था? जिला सूचना विभाग ने परेड रद्द होने की जानकारी समय पर नहीं दी। अगर यह स्पष्ट कर दिया जाता कि परेड नहीं होगी, तो शायद लाखों लोग स्टेडियम के बाहर नहीं जमा होते।

हादसे के कारण – Chinnaswamy Stadium Stampede

इस त्रासदी के पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं:-

  • सूचना का अभाव: परेड के बारे में बार-बार बदलती जानकारी ने प्रशंसकों में भ्रम पैदा किया।
  • भीड़ प्रबंधन की कमी: स्टेडियम की सीमित क्षमता के बावजूद लाखों लोगों को जमा होने दिया गया।
  • खराब योजना: RCB मैनेजमेंट और KSCA ने आयोजन का रूट मैप या समय सारिणी पहले से तैयार नहीं की।
  • पुलिस की गलतियां: लाठीचार्ज और अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था ने स्थिति को और खराब किया।

प्रशासन और RCB का रुख

हादसे के बाद कर्नाटक सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और घायलों के लिए मुफ्त इलाज की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने एक मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए, जिसकी रिपोर्ट 15 दिनों में जमा करने को कहा गया है। Chinnaswamy Stadium Stampede

भगदड़ के दौरान बेहोश बच्चे को उठाकर भीड़ से दूर ले जाता पुलिसकर्मी. (फोटो- सोशल मीडिया)

RCB और KSCA ने संयुक्त बयान में हादसे पर दुख जताया और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की। RCB के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने कहा, “यह हादसा बेहद दुखद है। मेरे पास शब्द नहीं हैं।” लेकिन, कई प्रशंसकों ने सवाल उठाया कि जब बाहर भगदड़ में लोग मर रहे थे, तब स्टेडियम के अंदर समारोह क्यों जारी रहा?

अनुत्तरित सवाल

  1. अनियंत्रित भीड़: जब स्टेडियम की क्षमता 35-40 हजार थी, तो 2-3 लाख लोगों को जमा होने की अनुमति कैसे दी गई?
  2. पूर्वानुमान की कमी: RCB की जीत के बाद प्रशंसकों का उत्साह देखते हुए भीड़ का अंदाजा क्यों नहीं लगाया गया?
  3. प्रबंधन की कमी: बैरिकेडिंग, ड्रोन, या CCTV का उपयोग क्यों नहीं किया गया?
  4. सूचना में देरी: परेड रद्द होने की जानकारी समय पर क्यों नहीं दी गई?

क्या यह हादसा टाला जा सकता था?

हां, यह हादसा टाला जा सकता था। अगर पुलिस, RCB मैनेजमेंट, और KSCA ने मिलकर एक ठोस योजना बनाई होती, तो यह त्रासदी शायद न होती। एक स्पष्ट रूट मैप, समय सारिणी, और भीड़ प्रबंधन की रणनीति तैयार की जा सकती थी। सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया के जरिए सही जानकारी समय पर दी जा सकती थी।

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