लातूर/नई दिल्ली। Former Home Minister Shivraj Patel Death: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का निधन हो गया है। उन्होंने महाराष्ट्र के लातूर में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है। पाटिल लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उपचार के दौरान गुरुवार सुबह उनका देहांत हुआ।

कौन थे शिवराज पाटिल?
शिवराज पाटिल भारतीय राजनीति का एक बड़ा और सम्मानित नाम रहे हैं। उनका करियर चार दशक से भी अधिक लंबा रहा। वह 1973 से 1980 तक लातूर ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक रहे। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ बनाई। वे कई बार लोकसभा के सदस्य रहे और यूपीए सरकार में 2004 से 2008 तक भारत के केंद्रीय गृह मंत्री रहे।संसद, विधानसभा और केंद्रीय मंत्रालय में उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ निभाईं। उनकी सादगी, विनम्रता और साफ-सुथरी छवि के लिए उन्हें अलग पहचान मिली।
Former Home Minister Shivraj Patel Death लातूर में अंतिम सांस, कांग्रेस में शोक
निधन की खबर सामने आने के बाद कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। महाराष्ट्र के लातूर में उनके निवास पर लोगों का आना शुरू हो गया है। स्थानीय नेताओं ने बताया कि अचानक स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें बचाने का प्रयास किया, लेकिन वे जीवन की लड़ाई हार गए।
राजनीतिक जीवन में महत्वपूर्ण योगदान
- शिवराज पाटिल ने गृह मंत्री के रूप में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए।
- 26/11 मुंबई हमले के समय देश के गृह मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल सबसे अधिक चर्चित रहा।
- वे लोकसभा के स्पीकर भी रह चुके हैं और संसदीय मर्यादाओं को लेकर हमेशा संवेदनशील रहे।
- भारतीय राजनीति में उन्होंने संयम, शालीनता और संतुलन को प्राथमिकता दी, जिसका प्रभाव आज भी देखा जा सकता है।
श्रद्धांजलियों का सिलसिला जारी
कांग्रेस अध्यक्ष, कई वर्तमान और पूर्व मंत्रियों, सांसदों व विधायकों ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि व्यक्त की है। कई नेताओं ने कहा कि पाटिल का जाना भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और कई वरिष्ठ राजनीतिक चेहरे लातूर पहुंचकर अंतिम दर्शन कर सकते हैं।
अंतिम संस्कार की तैयारी
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, अंतिम संस्कार की तैयारी लातूर में की जा रही है। परिवार ने बताया कि अंतिम संस्कार शाम तक किया जा सकता है। पूरे लातूर जिले में उनके समर्थक गहरे शोक में डूबे हैं।
