महोबा -बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व पूरे देश में बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। महोबा जिले में भी हर साल विशाल रावण के पुतले का दहन कर खुशियाँ मनाई जाती हैं। इस वर्ष 55 फीट ऊँचे रावण के पुतले को सजाने और संवारने का काम पिछले 40 वर्षों से एक महिला शकुंतला कर रही हैं।
#महोबा दशहरा में 55 फिट ऊँचा रावण तैयार कर नारी सशक्तिकरण की मिसाल बनी शकुंतला
— NATION NOW समाचार (@nnstvlive) October 2, 2025
पिछले 40 वर्षों से बुंदेलखंड के महोबा में रावण के पुतले को सजाने-सवारने का काम करती आ रही हैं
55 फिट ऊँचे रावण पुतले को तैयार करने में लग गए कुल आठ दिन
पुतला सजाने-सवारने का उद्देश्य पैसों के लिए… pic.twitter.com/S8xR0E5jlx
महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश करते हुए शकुंतला पैसों के लिए नहीं बल्कि बच्चों में खुशियाँ और त्योहार की भावना जगाने के लिए यह कार्य करती हैं। पुतला सजाने-सवारने में उनका सहयोग नंदू उर्फ नंदकिशोर करते हैं। विशाल रावण को तैयार करने में आठ दिन का समय लगा, जिसमें शंकुतला ने अपने कौशल और धैर्य का परिचय दिया।

शकुंतला कहती हैं, “महिलाओं को कभी किसी काम में पीछे नहीं हटना चाहिए। हर परिस्थिति में हिम्मत और लगन के साथ काम करना चाहिए।” उनका यह योगदान न केवल दशहरा के उत्सव को खास बनाता है, बल्कि महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने और समाज में अपने योगदान को दिखाने का उदाहरण भी पेश करता है।

महोबा जिला मुख्यालय के डाक बंगला मैदान में यह विशाल रावण बच्चों और श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया। यह पुतला और इसे सजाने वाली शकुंतला की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।