SC REPRIMANDS VIJAY SHAH: मंत्री होकर कैसी भाषा बोलते हो? कर्नल सोफिया पर टिप्पणी पर विजय शाह को फटकार

SC REPRIMANDS VIJAY SHAH

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री विजय शाह (SC REPRIMANDS VIJAY SHAH) एक बार फिर विवादों में हैं. इस बार कारण है उनका कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ दिया गया बयान, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंत्री विजय शाह को फटकार लगाते हुए कहा, “आप मंत्री हैं, इस पद की गरिमा समझते हैं? ऐसी भाषा क्या शोभा देती है?”

सोफिया कुरैशी पर विवादास्पद टिप्पणी- SC REPRIMANDS VIJAY SHAH

दरअसल, विजय शाह ने एक सार्वजनिक मंच से कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसे लेकर सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में काफी आलोचना हुई. उनके बयान को लेकर महू तहसील स्थित मानपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. यह एफआईआर भारतीय न्याय संहिता की तीन धाराओं – 152, 196(1)(b) और 197(1)(c) के तहत दर्ज की गई.

SC REPRIMANDS VIJAY SHAH- विजय शाह ने दी थी एफआईआर को चुनौती

इस एफआईआर को चुनौती देने के लिए विजय शाह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. उन्होंने कोर्ट से एफआईआर पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन कोर्ट ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. सुनवाई के दौरान जब उनके वकील ने कहा कि मीडिया ने बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया है और उनके मुवक्किल ने माफी मांग ली है, तो सीजेआई ने सख्ती से पूछा, “आप जानते हैं कि आप कौन हैं?”

सीजेआई ने टिप्पणी की कि जब देश संवेदनशील परिस्थितियों से गुजर रहा हो, तो जिम्मेदार पद पर बैठे लोगों से मर्यादित भाषा की अपेक्षा की जाती है. “हम यह नहीं मान सकते कि मंत्री जैसे पद पर बैठे लोग इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना भाषा का प्रयोग करें,” – CJI बी आर गवई ने कहा.

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह हाईकोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगाएगा. कोर्ट ने कहा कि विजय शाह हाईकोर्ट में अपनी बात रख सकते हैं. “हम कल इस मामले में आगे सुनवाई करेंगे, लेकिन 24 घंटे में कोई आपात स्थिति नहीं बन रही,” – अदालत ने कहा.

विजय शाह के बयान से सियासी पारा चढ़ा

विजय शाह के विवादित बयान के बाद राजनीतिक पारा भी चढ़ गया है. विपक्षी दलों ने मंत्री के बयान को शर्मनाक बताते हुए मुख्यमंत्री से उनकी बर्खास्तगी की मांग की है. वहीं, कई सैन्य पृष्ठभूमि के लोग भी इस टिप्पणी पर नाराज़गी जाहिर कर चुके हैं.

कर्नल सोफिया कुरैशी, जो देश की पहली महिला अधिकारी हैं जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व किया, उनके सम्मान में पहले भी कई बार राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हो चुकी है. विजय शाह द्वारा इस तरह की टिप्पणी ने न केवल सेना बल्कि समाज में महिलाओं के सम्मान को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं.

हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद विजय शाह ने मीडिया से बातचीत करते हुए माफी मांगी. उन्होंने कहा, “मैं सपने में भी सोफिया बहन के बारे में गलत नहीं सोच सकता. उन्होंने देश की सेवा जाति और धर्म से ऊपर उठकर की है. अगर जोश में मुझसे कोई गलत बात निकल गई हो, तो मैं उसके लिए माफी मांगता हूं.”

विजय शाह ने यह भी कहा कि उनका पारिवारिक बैकग्राउंड सेना से जुड़ा रहा है और उनका इरादा किसी का अपमान करने का नहीं था, बल्कि उन शहीद परिवारों की पीड़ा को सामने लाना था, जिनके परिवार के सदस्य आतंकियों के कारण मारे गए.

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की इस सख्ती के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्तियों के शब्दों की जिम्मेदारी होती है और उन्हें मर्यादित भाषा का ही उपयोग करना चाहिए. कोर्ट की टिप्पणी ने यह संकेत भी दिया है कि सार्वजनिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को बयानबाजी से पहले कई बार सोचना चाहिए.

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SOURCE- NDTV INDIA, ABP NEWS

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