नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 28 मई 2025 को किसानों और बुनियादी ढांचे को (MSP PRICE HIKE UPDATE) मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए. इनमें खरीफ फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की ब्याज सब्सिडी योजना को आगे बढ़ाना और रेलवे व सड़क परियोजनाओं को मंजूरी शामिल है. ये कदम न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेंगे, बल्कि देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को भी नई गति देंगे. आइए, इन फैसलों को विस्तार से समझते हैं. MSP PRICE HIKE UPDATE
Another important step of PM @narendramodi Ji's government in the interest of Farmers.
खरीफ फसलों की MSP में बढ़ोतरी- MSP PRICE HIKE UPDATE
केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन की 14 फसलों की MSP में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है. यह फैसला किसानों को बाजार की अनिश्चितताओं से बचाने और उनकी आय को स्थिर करने के लिए लिया गया है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि धान की नई MSP 2,369 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है, जो पिछले साल की तुलना में 69 रुपये अधिक है. कपास की दो किस्मों की MSP भी बढ़ाई गई है—एक की 7,710 रुपये और दूसरी की 8,110 रुपये प्रति क्विंटल, जो 589 रुपये की वृद्धि दर्शाती है. MSP PRICE HIKE UPDATE
1. Significant increase in MSP – ensuring dignity, stability, and prosperity for our Annadatas.
✅Union Cabinet chaired by PM @narendramodi Ji has approved the increase in Minimum Support Prices (MSP) for the kharif marketing season 2025–26. pic.twitter.com/SDYNkhWMLY
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) May 28, 2025
इसके अलावा, सोयाबीन, अरहर, मूंग, उड़द और मक्का जैसी अन्य खरीफ फसलों की MSP में भी वृद्धि की गई है. सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि MSP फसल की लागत से कम से कम 50% अधिक हो, ताकि किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिले. इस बढ़ोतरी से सरकार पर 2 लाख 7 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जो पिछले सीजन की तुलना में 7,000 करोड़ रुपये अधिक है. MSP PRICE HIKE UPDATE
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) वह गारंटीड कीमत है, जो सरकार किसानों को उनकी फसलों के लिए देती है, भले ही बाजार में कीमतें कम हों। इसका उद्देश्य किसानों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करना और बाजार की अनिश्चितताओं से उनकी रक्षा करना है। MSP का निर्धारण कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेज (CACP) की सिफारिशों के आधार पर किया जाता है। यह एक तरह की बीमा पॉलिसी की तरह काम करता है, जो बम्पर पैदावार के कारण कीमतें गिरने पर भी किसानों को न्यूनतम आय सुनिश्चित करता है.
खरीफ सीजन 2025-26 के लिए फसलों की नई MSP (रुपये/क्विंटल)
फसल का नाम
2024-25 की MSP (₹/क्विंटल)
2025-26 की MSP (₹/क्विंटल)
वृद्धि (₹)
मक्का
2,225
2,400
175
मूंग
8,682
8,768
86
बाजरा
2,625
2,775
150
कपास (लंबा रेशा)
7,521
8,110
589
धान (सामान्य)
2,300
2,369
69
कपास (मध्यम रेशा)
7,121
7,710
589
सूरजमुखी
7,280
7,721
441
ज्वार (हाइब्रिड)
3,371
3,699
328
ज्वार (मालदांडी)
3,421
3,749
328
तुअर/अरहर
7,550
8,000
450
उड़द
7,400
7,800
400
रागी
4,290
4,886
596
सोयाबीन (पीला)
4,892
5,328
436
तिल
9,267
9,846
579
रामतिल
8,717
9,537
820
मूंगफली (शुद्ध)
6,783
7,263
480
धान (A ग्रेड)
2,320
2,389
69
MSP के तहत 23 फसलों को शामिल किया गया है, जिनमें 7 अनाज (धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी, जौ), 5 दालें (चना, अरहर, मूंग, उड़द, मसूर), 7 तिलहन (रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम, निगरसीड) और 4 व्यावसायिक फसलें (कपास, गन्ना, खोपरा, कच्चा जूट) शामिल हैं. खरीफ फसलें, जैसे धान, मक्का, कपास, सोयाबीन आदि, जून-जुलाई में बोई जाती हैं और सितंबर-अक्टूबर में उनकी कटाई होती है.
#UnionCabinet has approved Minimum Support Prices (MSP) for 14 Kharif Crops for Marketing Season 2025-26, including Nigerseed, Ragi, Bajra, Maize, and Tur.
The increase in MSP for Kharif Crops for Marketing Season 2025-26 is in line with the Union Budget 2018-19 announcement of… pic.twitter.com/pliMxnjGuq
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) May 28, 2025
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) ब्याज सब्सिडी योजना
केंद्र सरकार ने किसानों को सस्ते लोन उपलब्ध कराने के लिए KCC की ब्याज सब्सिडी योजना (Modified Interest Subvention Scheme – MISS) को वित्त वर्ष 2025-26 तक बढ़ाने का फैसला किया है. इस योजना के तहत किसान 3 लाख रुपये तक का लोन 7% की ब्याज दर पर ले सकते हैं. समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को 3% की अतिरिक्त ब्याज छूट मिलती है, जिससे उनकी प्रभावी ब्याज दर केवल 4% रह जाती है.
पशुपालन और मछली पालन के लिए भी 2 लाख रुपये तक के लोन पर यह लाभ उपलब्ध है. इस योजना के लिए सरकार ने पर्याप्त फंड आवंटित किया है, ताकि अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके. यह कदम छोटे और मध्यम किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण साबित होगा.
रेलवे और सड़क परियोजनाओं को मंजूरी
किसानों के साथ-साथ, सरकार ने देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए भी बड़े कदम उठाए हैं. कैबिनेट ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में रेलवे की दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इनमें रतलाम-नागदा के बीच तीसरी और चौथी लाइन और वर्धा-बल्हारशाह के बीच चौथी लाइन शामिल है. इन परियोजनाओं की कुल लागत 3,399 करोड़ रुपये है और इन्हें 2029-30 तक पूरा करने का लक्ष्य है. ये परियोजनाएं रेल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएंगी और माल ढुलाई को गति देंगी.
इसके अलावा, आंध्र प्रदेश में बडवेल-नेल्लोर के बीच 108 किलोमीटर लंबे फोर-लेन हाईवे को मंजूरी दी गई है. इस परियोजना की लागत 3,653 करोड़ रुपये है. यह हाईवे कृष्णापटनम पोर्ट और नेशनल हाईवे-67 को जोड़ेगा, जिससे पोर्ट कनेक्टिविटी में सुधार होगा. यह सड़क तीन प्रमुख औद्योगिक कॉरिडोर—विशाखापट्टनम-चेन्नई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (VCIC), हैदराबाद-बेंगलुरु इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (HBIC) और चेन्नई-बेंगलुरु इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (CBIC)—के नोड्स को भी जोड़ेगी.
इन फैसलों का प्रभाव
MSP में बढ़ोतरी से किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी. KCC ब्याज सब्सिडी योजना का विस्तार छोटे और सीमांत किसानों को सस्ता लोन उपलब्ध कराएगा, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी. साथ ही, रेलवे और सड़क परियोजनाएं देश के परिवहन नेटवर्क को बेहतर बनाएंगी, जिससे व्यापार और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा.
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