International Yoga Day 2025: 11वीं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पीएम मोदी ने वैश्विक संतुलन का किया आह्वान

International Yoga Day 2025

International Yoga Day 2025: 21 जून, 2025 को पूरी दुनिया ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के 11वें संस्करण का उत्साहपूर्वक उत्सव मनाया। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम का नेतृत्व किया। अपने प्रेरणादायक भाषण में, उन्होंने योग की वैश्विक यात्रा और इसके शारीरिक, मानसिक और सामाजिक लाभों पर प्रकाश डाला। पीएम मोदी ने योग को एक ऐसी शक्ति बताया, जो न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है, बल्कि वैश्विक शांति और एकता को भी बढ़ावा देती है।

योग की वैश्विक यात्रा- International Yoga Day 2025

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत 2014 में हुई, जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 जून को योग दिवस के रूप में मान्यता देने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को 175 देशों का समर्थन मिला, जो वैश्विक एकता का प्रतीक था। पीएम मोदी ने इस ऐतिहासिक पल को याद करते हुए कहा, “यह केवल एक प्रस्ताव का समर्थन नहीं था, बल्कि मानवता के कल्याण के लिए एक सामूहिक प्रयास था।” आज, योग दुनिया भर में करोड़ों लोगों की जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है। चाहे वह दिव्यांग व्यक्ति हों, जो योग शास्त्र पढ़ रहे हैं, या अंतरिक्ष में वैज्ञानिक, जो योग का अभ्यास कर रहे हैं, योग ने सभी सीमाओं को पार कर लिया है।

योग: शांति और संतुलन का विज्ञान- International Yoga Day 2025

पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत योग के वैज्ञानिक आधार को आधुनिक शोध के माध्यम से और मजबूत कर रहा है। देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थान योग के लाभों पर शोध कर रहे हैं, ताकि इसे आधुनिक चिकित्सा पद्धति में शामिल किया जा सके। योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक तनाव को कम करने और आंतरिक शांति प्रदान करने में भी मदद करता है। पीएम मोदी ने कहा, “योग हमें सिखाता है कि हम अलग-थलग नहीं हैं; हम प्रकृति का अभिन्न अंग हैं।”

योग को जन आंदोलन बनाने की अपील- International Yoga Day 2025

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 का थीम “Yoga for One Earth, One Health” वैश्विक स्वास्थ्य और सामंजस्य की दिशा में एक कदम है। पीएम मोदी ने योग को एक जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “आइए, योग को एक वैश्विक संकल्प बनाएं, जो शांति, स्वास्थ्य और समरसता की ओर ले जाए।” स्कूलों, कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर योग सत्रों को बढ़ावा देकर, हम इसे एक सामूहिक जिम्मेदारी बना सकते हैं।

वैश्विक एकता के लिए योग- International Yoga Day 2025

पीएम मोदी ने वैश्विक समुदाय से अपील की कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को योग की शुरुआत के रूप में मनाया जाए, जहां आंतरिक शांति वैश्विक नीति बन जाए। उन्होंने कहा, “हर देश और समाज को योग को एक साझा जिम्मेदारी बनाना चाहिए।” योग का अभ्यास न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय जागरूकता को भी बढ़ाता है। यह हमें “मैं” से “हम” की ओर ले जाता है, जो एकता और सह-अस्तित्व का आधार है।

योग की सांस्कृतिक जड़ें- International Yoga Day 2025

योग भारत की प्राचीन परंपराओं में निहित है और केवल शारीरिक व्यायाम तक सीमित नहीं है। यह आत्म-खोज और आध्यात्मिक विकास का एक विज्ञान है। पीएम मोदी ने कहा, “योग हमें भारत की संस्कृति के मूल्यों – सेवा, समर्पण और सह-अस्तित्व – से जोड़ता है।” जब व्यक्ति अपने हितों से ऊपर उठकर समाज के लिए सोचता है, तभी मानवता का कल्याण होता है।

योग को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं- International Yoga Day 2025

पीएम मोदी ने लोगों से योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आग्रह किया। प्राणायाम, आसन और ध्यान जैसे सरल अभ्यास शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। समुदायों को स्कूलों, कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर योग सत्र आयोजित करने चाहिए। विश्व भर में सरकारें और संस्थान योग के लाभों को मान्यता दे रहे हैं और इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों में शामिल कर रहे हैं।

एक टिकाऊ भविष्य के लिए योग- International Yoga Day 2025

योग का प्रकृति के साथ सामंजस्य पर जोर इसे स्थिरता के लिए एक शक्तिशाली उपकरण बनाता है। यह व्यक्तियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक और टिकाऊ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करता है। पीएम मोदी का “Yoga for One Earth, One Health” का दृष्टिकोण व्यक्तिगत और ग्रहीय कल्याण को जोड़ता है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 ने योग की वैश्विक यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ा। विशाखापट्टनम में पीएम नरेंद्र मोदी के संबोधन ने योग के शांति, स्वास्थ्य और एकता को बढ़ावा देने की शक्ति को रेखांकित किया। योग को अपनाकर, हम एक ऐसी दुनिया बना सकते हैं जहां आंतरिक शांति वैश्विक सामंजस्य का मार्ग बने। आइए, हम योग को केवल 21 जून तक सीमित न रखें, बल्कि इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं और एक स्वस्थ, शांतिपूर्ण और एकजुट दुनिया की दिशा में योगदान दें।

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